तुम कहते हो तो मै हाँ समझू,
तुम्हारी आँखों मे इंतज़ार नज़र आता है
दिल्लगी को ऐसे तो सारा जहाँ था बाकी,
मुझे तुझमे मेरा यार नज़र आता है
तुझसे क़ुर्बत ऐसी है मुझे हर शख्स मे
तेरा प्यार नज़र आता है
तू अगर देख ले किसी तरफ भी मुझे
हर कहीं वफा-ए-ता'जीर नज़र आता है
तू अगर देख ले हाल-ए-क़ल्ब मेरा
मुझे ये बहम भी खूब आता है
लोग कहते फिरते हैं ज़माने भर से,
मुझमें मेरे यार उनको तू नज़र आता है
सबको मालूम है हिज्र्-ए-फिराक
पता नहीं तुझे कुछ क्यों नज़र नहीं आता है
अगर कहे तो बतलाऊं दिल का हाल,
मुझे तो तू तीरा-निगाह नज़र आता है
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