"साँझ"१st🕊️   ("साँझ" यदुवंशी)
1.4k Followers · 400 Following

read more
Joined 20 July 2021


read more
Joined 20 July 2021

आखिर क्यूँ रोज मेरे ख़्वाबों में आ जाते हो तुम,
देकर सदाएं मेरी जाँ हमें, क्यूँ बुलाते हो तुम!

मेरे ख़्वाब झूठे हैं, और हकीक़त है कड़वी बहुत,
फिर क्यूँ मेरी सोई हसरतों को जगाते हो तुम!

लगने लगा है डर इस कदर अब नींद से हमको,
करती हूँ बंद आँखे, तो नज़र आते हो तुम!

तुम कौन हो मेरे, जो लग रहे हो अजीज़ इतने,
क्यूँ लरजते लबों पे दुआ से ठहर जाते हो तुम!

इस ज़िंदगी के वीरानें की अकेली मुसाफ़िर हूँ मैं,
क्यूँ बढ़ाके हाथ अपना,कारवाँ मेरा सजाते हो तुम!

मेरे नासूर ज़ख्म की अब, ना दवा है ना दुआ कोई,
क्यूँ हमदर्दी का मरहम मेरे ज़ख्मों पे लगाते हो तुम!

ये लगावतें, ये चाहतें साँझ रास हमें आती ही नही,
क्यूँ इन रिश्तों की मोहमाया में हमें फंसाते हो तुम!

-



तेरे एहसास गुजरते हैं जब भी, इस दिल से होकर,
भूकंप सा आ जाता है दिल की गलियों में अक्सर।
गर्म सलाखों पर देखना कभी तुम तड़प बूँदों की,
यूँ ही करवटों में गुजरी हैं रातें,तेरी यादों में अक्सर।

-




तू हारा तो  मैं हार गई,
तू जीता मेरी जीत हुई।

जब छोड़ा सबने साथ मेरा,
तब मिला हौसला मुझको तेरा।

जब जहन मुझे उलझाता है,
तब तू ही मुझे सुलझाता है।

ना मुख है ना है कान तेरे,
तू सुनता सब एहसास मेरे।

बताओ कौन...😒?

-





-



-



-



जब कोई पूछे,
कैसी हो तुम.?
तो "ठीक हूँ"...
कहना पड़ता है।

एक दर्द भरी
मुस्कान के पीछे,
हाल-ए-दिल...
सहना पड़ता है।

-



तुम भी हो दर्द में पर,किसी को एहसास नहीं है,
बने जो सहारा, कोई ऐसा तुम्हारे पास नहीं है।
तुम्हें समझे,तुम्हें चाहे,तुम्हारा साथ निभाए सदा,
कहो क्या तुम्हें ऐसे हमसफर की तलाश नहीं है।

-



अक्सर वो हमें...
इस कदर सताते हैं,

रोज नींद की गोलियां
खाकर सो जाते हैं...

जानते हैं मेरी नींद की
दवा हैं सिर्फ़ शब्द उनके,

फिर भी जाने क्यों...
मेरी नींदों से बैर निभाते हैं।

-


Fetching "साँझ"१st🕊️ Quotes