Apsha saifi   (Strings of the words)
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Joined 31 January 2021


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22 JAN AT 14:35

करके खाक इश्क़ में दुआएं दे रहा है वो खुश रहने की
मै जख्मी रूह लिए किधर जाऊं उससी खुशियाँ ढूंढ़ने

मै हर वक़्त का प्यासा उसका,उसकी आवाज़ से मिलता सुकून
बिछड़ कर उससे,किधर जाऊं मै खुद का सुकून ढूंढ़ने

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17 JAN AT 11:20

छोड़ रखा है ज़माना खुद की खोज को
ए दोस्त तुम क्यूं फ़िक्र करते हो अपने गिरेवान की

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14 JAN AT 21:02

सिहरती, टूटती,बिखरती यादें,खुद ही मे घुटती यादें
रोज़ ज़िंदा करती,फिर तिल तिल मारती यादें
और फिर ख्याल तेरी बर्बादी का............

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12 JAN AT 14:31

ज़िंदगी तबील क्या हुई अल्फाज़ ही खामोश हो गये
इतने भी गुनहगार ना थे जितने हम बदनाम हो गये

हर किसी से अपना क्या ताल्लुक़ ,तुम जाने क्यूं खफा हो गये
हम समझाते रहे गैरों को,यहाँ अपने गैर हो गये

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28 JUN 2023 AT 15:54

कैसे आते हैं याद खट्टे मीठे गुज़ारे जो लम्हे साथ
हाल ए पैकर या दर्द ए तड़प बोलो क्या दिखाऊं मैं

के होकर बर्बाद मोहब्बत में, तेरी चौखट पर काश मर जाऊं मैं
ना रखूँ ख्वाहिश तुझे पाने की, तेरे सदके में मर जाऊं मैं

कर दूँ ख़तम करके रूह आज़ाद, सिलसिला ये जुदाई का
था जो वहम साथ रहने का, सब कसमो वादों को आग लगाऊं मैं

मंज़िल जो अपनी अब अलग हुई तेरी यादों का खंडर हो जाऊं मैं
भूली बिसरी यादों संग खुद के हालात में कहीं बिखर जाऊं मैं

पाकर तेरे कदमो की धूल,तेरे इश्क़ में हुई कोई भूल हो जाऊं मैं
करके कैद आँखों में तेरी सूरत,अपनी कब्र का कोई फुल हो जाऊं मैं

कुछ उझड़ी,ठहरी,खामोश शामों का खौफनाक बवंडर हो जाऊं मैं
जो निकले तु कभी मेरी कब्र से गुज़रकर सैलाबी समंदर हो जाऊं मैं

जो छु ले तु लम्स काश बेबाक सा तुझको उठ दिखाऊं मैं
उठाकर बाहों में तुझे अपनी बेइंतेहाई मोहब्बत समझाऊं मैं

तेरी मोहब्बत में ऐसा डूबा हुँ "गुल-अफ्शा; कहीं मर ना जाऊ मैं
तुने जिस तरहा से चाहा है जी चाहता है तेरा ही बनकर रह जाऊं मैं

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23 JUN 2023 AT 16:14

दिल की गहराइयों मे डूबना कोन चाहेगा
मोहब्बत होगी जिसे वही मौत को छुएगा

मै तो बर्बाद हो गया हुँ उसके प्यार में
मुझे वही समझेगा जो मोहब्बत करेगा

किसी एक के लिए कहाँ रुकता है जमाना
ये तो दिल है हद्द ए इम्का इंतज़ार करेगा

खुद मे मरता हुँ रोज़ मैं उसे खोने के डर से
भला कोन होगा जो इतनी मोहब्बत करेगा

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21 JUN 2023 AT 16:03

मेरा और उसका एक कफन कर दो ना
मुझे भी उसके साथ दफ़न कर दो ना

मेरी मोहब्बत पर ये रहम कर दो ना
आखिरी समझ कर मुझपर ये करम कर दो ना

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17 JUN 2023 AT 1:34

होकर खाक़ खुद ही में ढूंढ़ता हुँ तेरी राख खुद ही में
था जो फरेब इश्क़ में देखता हुँ तांक कर खुद ही में

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24 MAY 2023 AT 23:32

तभी से हुँ जागा मै
छोड़ कर गई थी जिस रोज़ तुम

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20 MAY 2023 AT 0:23


इश्क़ का अगर पूछे कोई पता तिरा शहर बता दूँ मै
क्यूं रहती हुँ मै इतना खुश तेरी मोहब्बत बता दूँ मै

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