उसके बंधे बालों से लगता था जैसे बँधा हो शमा सारा का सारा
मैंने हाथ उसका थाम अपने हाथ में दूर कर दिया बहम सारा का सारा
वो बैठी थी यूँ नज़रे झुकाए,जैसे मुझमें हो उसका जहाँ सारा का सारा-
टुटे हुऐ आयने मे जब अपना अक्ष देखती हूँ।
दिल टूट जाने कि ... read more
बरसो से किया इंतज़ार अब ख़त्म हो गया
चाहेगा कोई टूटकर वफ़ाओ पर हमारी हमे
ये जो हमे भरम था भरम रह गया
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ख़ुद को भुला कर तेरी लकीरों में आई हूँ
मैं अपने साथ अपनी उदासी पुरानी लाई हूँ
होकर ख़ाक मैं, तेरे इश्क में अवाद होने आई हूँ
तू अगर हो राज़ी मैं तुझमें समाने आई हूँ
सभी क़समे वादे हैं फ़रेबी,मैं सिर्फ़ तेरी होने आई हूँ
मैं अपने साथ थोड़ी अल्हड़ और शैतानी लाई हूँ
होकर तनहा मैं, तेरे संग ज़िंदगी जीने आई हूँ
तू अगर हो राज़ी मैं तुझमें फ़ना होने आई हूँ
………… कहो ना प्यार है 🤭😜😍😍😍
शोहर जी कहो ना प्यार है
👀👀👀
मुझे आपकी हाँ का इंतेज़ार है
🤓🤓🤓🤓🤓🤓-
ख़ूबसूरती फीकी दिखाई दी उनकी जिन्होंने चाँद में दाग देखा
मैंने जो देखा नूर जैसे हूर लगा रात में कोई जगमगाता चिराग़ देखा
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ये सरवती आँखें ये ज़हर-ए- श्रृंगार
खाना खाऊँ या तुम्हारा करूँ दीदार-
इश्क़ लिखूं कि ज़हर लिखूं
उसकि मोहब्बत को मैं कौनसा कहर लिखूं
जब भी सोचूं उस को उसमें बिताया कोई शहर लिखूं
उसके अच्छे भले सफ़र का मैं एक पहर लिखूं-
ज़िंदा हुँ फिर भी मौत की ख्वाहिश है,जाने क्यों
मैं उसका तो हुँ पर उसके हिस्से में अभी तक नहींं
थाम रखा है जहाँ इशारो पे सारा का सारा,जाने क्यों
इक वो शख्स है की मेरे गिरफ्त में अभी तक नही-
मिलती है ख्वाबों में अब भी उसकी तामीर कहीं कहीं
मैं ठहर जाता हुँ उसकी यादों में अब भी कहीं कहीं
सुहानी सी लगती है उसकी ओझल सी यादें कहीं कहीं
मै अब भी मरने को तैयार हुँ, अगर उसकी इज़ाज़त हो कहीं कहीं
उसमें थी जो नज़ाकतें हज़ारों,थी थोड़ी ज़िद्द कहीं कहीं
मै मुक़ाम था उसका,वो ज़हर थी कहीं कहीं-