QUOTES ON #कर्मभूमि

#कर्मभूमि quotes

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1 NOV 2020 AT 11:24

जब मिशनरी अफ्रीका आए तो उनके पास बाइबिल थी और हमारे पास धरती, मिशनरी ने कहा 'हम सब प्रार्थना करें।' हमने प्रार्थना की। आंखें खोली तो पाया कि हमारे हाथ में बाइबिल थीं और भूमि उनके कब्जे में...

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4 OCT 2021 AT 20:44

है इच्छा जन्मभूमि में मरने की
पर बाध्य हो गए कर्मभूमि में मरने को

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30 JAN 2022 AT 15:52

महाभारत मनोभूमि में.....
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7 OCT 2020 AT 11:17

अभिव्यक्ति अंक 7:
कविता के रूप में कर्मभूमि उपन्यास को मैने अपने शब्दों में लिखने का प्रयास किया हैं। आशा करता हूँ, आपको पसंद आये।

कर्मभूमि!

कविता शीर्षक में जरूर पढ़ें। और यदि आपने ये उपन्यास पढ़ रखा हैं, अपनी प्रतिकिया अवश्य दें।

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देख ना निस्तेज मन से,
चेतना की वेदना को।
ये वही हैं द्वंद जो,
पुरुषार्थ को दिग्बल करेंगे।

हो समर की भीड़ में,
ललकार से जो ना डरा।
और उसकी पादुका में,
नित-नए शव गिर पड़ेंगे।

कौन कहता है कि मृत्यु,
शोक का त्योहार है।
जो लड़े हों ज़िन्दगी से,
वो भला कैसे मरेंगे।

कौन कहता है विजय,
होती तभी जब हार है।
हारते हैं वो समर में,
जो किसी से ना भिड़ेंगे।

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30 MAR 2017 AT 10:23

सूर्यपुत्री 'तापी' का प्रताप ऐसा पाया है,

जो भी यहाँ बसा,सिर्फ पाया ही पाया है,

पृथ्वी की सबसे ठोस चीज़,यहाँ काटी तराशी जाती है,

पूरे देश में साड़ियां,यहाँ से पहुूँचायी जाती है,

धनाढ्यों-दानियों की रही बस्ती है,

निवासियों की रग रग में बहती मस्ती है,

मुग़ल,डच हो या अँगरेज़,सबने इसे अपना बनाया,

सबसे बड़ा बंदरगाह सदियों पहले कहलाया,

यहाँ का भोजन और काशी का मरण,

स्वर्ग प्राप्ति का साधन,

मेरा शहर सूरत,सोने की मूरत!

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24 OCT 2020 AT 14:32

कर्म करते हैं यहाँ सभी, कर्मभूमि की पहचान यही है,
जीवन-मृत्यु के मध्य की, सारी रस्साकशी इसी की है,
किसी को क्या मिला, क्या खोया, कौन हँसा, कौन रोया,
जानते हैं सारे पर, भाग्य का लिखा कोई मिटा न पाया।

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14 AUG 2020 AT 22:42

वतन पर मर मिटने की इजाज़त ली नहीं जाती
ये वतन है जनाब
इससे मोहब्बत पूछ कर की नहीं जाती
मौका अगर कभी मिले तो इश्क़ ए वतन तुम भी निभा लेना
गिरा अगर मिले कहीं तिरंगा तो उठा सीने लगा लेना
मातृभूमि का कर्ज़ कुछ यूं चुका देना
कर्मभूमि का फ़र्ज़ कुछ यूं निभा देना
जय हिन्द✍️✍️

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15 JAN 2020 AT 16:53

ज़िन्दगी एक कर्मभूमि है
लेकिन लिखता सब भाग्यविधाता है!

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4 NOV 2019 AT 23:39

जीवन एक कर्मभूमी
उन्मुक्त का सफल मार्ग
सदियों से है धर्मभूमी

ज्ञानयोग, वैराग्ययोग तथा
भक्तीयोग से है श्रेष्ठ कर्मयोग
लेकिन कर्मयोग से श्रेष्ठ कर्मयोगी
इसलिए जीवन एक कर्मभूमी

कर्मयोगी को चाहिए रास्ता
कुछ औरता से सफलता का वास्ता
धर्मभूमी पे धर्म निभाय़ें
तभी तो पाओंगे कर्मभूमि

कर्मभूमि ना पाए सिर्फ
कर्म करके तो दिखलाओं
तभी तो आयेगा महत्व
जीवन की इस कर्मभूमि को

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