Shiksha Dhariya   (Shiksha dhariya)
558 Followers · 85 Following

Follow me on Instagram @passionatequotes15
Joined 1 December 2018


Follow me on Instagram @passionatequotes15
Joined 1 December 2018
25 APR AT 21:01

गाँव की कोई खाली सी सड़क
मुझमें बसने लगी है
दूर दूर तक कोई नही दिखाई देता
ना किसी का इंतजार
ना कोई एहसास
फिर भी भटकती सी राहें
कभी कभार साईकिल की घंटी
जगा देती नींद से
कभी चटकीली सी धूप
जला देती तीखे से नैन से
पेड़ की छाँव भी नहीं है
ना ही कोई कुआँ है प्यास बुझाने को
इस लम्बी सी सड़क में
कोई नही आता जाता
हवाओं का रुखापन बस रहा है भीतर
बेचैन से पथरीले से एहसास
को समटने को चुभना होता है हर रोज़
काँटों से स्नेह दिखाते,
खुशबू की कल्पनाएं करते,
आसमां देखना और
बारिश की दुआँ मांगना भर रह गया
बाकी सब छूट रहा है.... अहिस्ता...आहिस्ता!

-


19 APR AT 19:23

ख्याल....
इक तुम्हारा ही तो आया करता है
अक्सर मन के घर में तुम्हारे रिश्तेदार रहने को आने लगे है... वक़्त बेवक़्त से आते ये मुसाफिर किराया भी नहीं पूछते, ना ही कभी हाल चाल जानने की कोशिश की ... कमबख्त तूफान मचाया हुआ इन सब नें फ्री फंड के तुम और ये सब भेजा फ्राई करने में माहिर लगते हो ... ख्यालों में रहते तुम,... कभी बेवक़्त की बारिश बनते तो कभी चूर चूर कर देना वाला उजाला...जाओ नया मन ढूढ़ लो.... नही तो महीने के आखिर में सारा सामान बाहर निकाल दूंगी.... फिर किराया बढ़ाने की कोशिश ना करने लग जाना... मेरा मन है कोई धर्मशाला नही... 🤭

-


14 APR AT 14:47

क्या मृत्यु इंसान को हर बंधन, हर परेशानी से मुक्त कर सकती है...???

-


10 APR AT 23:41

खुद को जमाने भर से छिपा के
खुद में कैद हो जाना कैसा होता होगा?
इक छोटे से मन में दुनिया जहाँ
के सपनों को टटोल आये लोग
विचारों के अंतहीन समंदर में डूबे रह जाते है
कभी कभी मन का होना, ना होना
कुछ समझ नही आता,
सबसे एकाकी हुये लोगों की कहानी
खोजने के लिये अथक प्रयास करने होते है
उनके छोटे मोटे से बहाव भी
शांत सी नदियों में उफान ले आते है
वें मन,
और उनमें कैद अनगिनत कहानियाँ
जिन्हें पढ़ने कोई नही जाएगा,
इस किताब की तालाश में
हर रोज़ निकला करती है मेरी कविताएं
ताकि मुक्त कर सके
अपने और उनके हिस्से की कहानियाँ
जो सिमटकर गयी है
किसी खोयी हुईं किताब में... 🌻!


-


6 APR AT 22:26

सोशल मीडिया Vs रियल लाइफ

ये चर्चा का विषय बना हुआ है यहाँ , इसलिए मैंने भी लिख दिया अपने ढंग से.... हाँ Vs जैसा शायद कुछ नजर ना आये इसमें,

-


4 APR AT 14:22

किसी रोज़ का इंतजार करते करते,
कई रोज़ बीत गये...
तुम आते तो ये कहती, वो कहती
ये सोच सोच, कई रोज़ बीत गये...

-


3 APR AT 1:57

वो कोना, जहाँ खालीपन बसता है... उसी हिस्से से गुफ़्तगू करके,
कुछ ख्याल फूंक मारकर उड़ाये है.. देखो हवा हो गये शायद..

-


29 MAR AT 22:03


फिर वे संसार से विलुप्त होकर
खुद में तृप्त होना सीख लेंगी
जो उन्हें वैरागी बना देगा ....

-


29 MAR AT 15:41

सुनो..

-


22 MAR AT 18:30

अच्छा हैं ना संगीत की उम्र नही होती... होती तो क्या होता

-


Fetching Shiksha Dhariya Quotes