जिंदगी में जिसकी बहुत जरूरत होती है
उन की कमी इतनी खलती है कि
उनकी ना होने की बातें जिंदगी भर सताती है
कभी हसने की कोशिश करते है तो
वह कमी बहुत रुलाती है।
जिन्दगी मे एक कमीयां ही होती है जो
उस जरूरत की चीज की एहमियत बताती है
चाहे वो "रिश्ते" हों या कोई " वस्तु"🥺
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मज़हबी लोग हाथ में ख़ंजर लिए फिरते हैं
मज़हब को जलाने का मंज़र लिए फिरते हैं
दूसरों को ज़ुल्म देकर गुनाह में डूब गये सारे
आँखों में फ़िर जीत का समंदर लिए फिरते हैं
इक दूसरे में धर्म की आग को भड़काया सबने
ख़ुद के अंदर फ़िर भी ये सिकंदर लिए फिरते हैं
कोई खुश़ है तो उसको देखकर दुख होता है इन्हें
बेवजह ये सारे अब ख़ौफ का बवंडर लिए फिरते हैं
सूखे पत्ते तो सारे के सारे झड़ ही जायेंगे इक दिन
फ़िर भी लोग दिलों में अना का ज़हर लिए फिरते हैं
अब तो दिल में मेरे भी आग लगा ही दी "आरिफ़"
ये सब भी इक क़ातिल अपने अंदर लिए फिरते हैं
कौन से पन्ने "कोरे काग़ज़" हैं ये बतला दो मुझको
अब भी कुछ हैं, जो कलम में हुनर लिए फिरते हैं-
तेरी कमियों की दुकान को खरीद कर खाली कर देंगे,
नकली माल भरे इस ज़माने में हम सच्चाई कमा लेंगे ।-
दो कमियां इश्क की!
१. मेरे पास ज़िद की कमी!
२. उसके पास वक्त की कमी!-
कमी अग़र दिखाई दे किसी में,
तो उससे बात करें...
पर अग़र दिखाई दे सब में,
तो आप ख़ुद से बात करें!!-
"ग़ज़ब का हुनर है दुनियावालों के पास,
हर बार कमियां निकालने का तरीका नया ही होता है।"-
कमियां कितनी भी मुझमें भरी हो...
मेरी अच्छाइयां आज भी उन पर भारी है...
बदनाम करने की कोशिशों को,
तो नाकाम कर दिया...
पर उनकी साजिशे आज भी जारी है...-
अरे जनाब
कभी फुरसत से
आईना भी देख लिया कीजिये
बहुत खामियां निकालते हैं दूसरों में,
कभी अपनी भी तराश कीजिये।-
जो इंसान खुद की कमियां जान लेता है
वक्त पर,
फिर उसका बुरा वक्त नहीं आता है कभी-