एक वादा मुझसे कर जाओ, बस थोड़ी देर ठहर जाओ
मेरी आँखें कब तक तरसेंगी, थोड़ा तुम भी आँसू भर जाओ
तुम छोड़ शहर जब जाते हो, सच में तुम बहुत रुलाते हो
तुम सच्चे थे अब झूठे हो, पर सपनें बहुत दिखाते हो
तुम याद करो उन बातों को, उन कसमों को उन वादों को
जो तुमने हमें दिखाए थे, क्या सच में कभी निभाए थे?
पर छोड़ो अब उन बातों को...
कोई सच्चा वादा कर जाओ, बस थोड़ी देर ठहर जाओ
मेरी आँखें कब तक तरसेंगी, थोड़ा तुम भी आँसू भर जाओ
-