वक़्त बेवक्त उनका यूं
ख्याल जहन में आ जाता है
कैसे कह दूं उसे भुला दिया हमने
हर रात जिनका ख्वाबों में दीदार हो जाता है-
❤ShAyrI NhI JaJbAt LiKhTi hUn...✍ ❤
चेहरे से ज्यादा अपना दिल साफ रखता है
कहीं मैं दुखी न हो जाऊ इस बात से डरता है
बेशक दिखावा नहीं करता मगर
मेरी हर ख्वाइश का ख्याल बहुत रखता है
❤पापा❤-
रूहो के दरमियान कब फासले हुए हैं
बस एक जिस्म ही है जो तुझसे जुदा है-
वो कैसे किसी और से मेरी मोहब्बत का मुकाबला करेगा
जिसके बताए हुए गाने भी मैंने हजार बार सुने हैं-
कुछ आसमा से बातें हुई
कुछ तारों ने भी अपनी सुनाई
हम तो डूबे थे इश्क़ में तुम्हारे
हमने कहाँ किसी गैर की मोहब्बत पायी-
मैं नज़र ना आऊं
तो वो बेचैन हो जाये
मोहब्बत में मेरे
कुछ ऐसा मुकाम आ जाये-
बेशक एक रोज़ हिम्मत जुटा ही लूँगी
तुझको आजाद कर मैं खुद को पा ही लूँगी-
लौटते हैं वो तारीके
मगर वो दिन लौट कर क्यों नहीं आते
शहर तो अब भी वही है उनका
फिर ना जाने क्यों वो दिखाई नहीं देते-
कि बात सिर्फ इतनी सी है
मैं तेरे साथ रहना चाहती हूँ बस
दूर कहीं तेरे और मेरे बीच
ना ये फासले देखना चाहती हूँ अब
बहुत हुआ ये मिल के
बिछड़ जाने का खेल अब
मैं तेरे साथ जिंदगी का
हर एक लम्हा जीना चाहती हूं अब-
बेतुके से कुछ सवाल मेरे
आज भी उनका पता पूछते हैं
वो मिलते क्यों नहीं अब वहां जनाब
बस ये ख़याल ही है जो हम सोचते हैं-