इस तरह खाने में कंजुसी मत दिखाना
आनंद के चक्कर में
मुझे मोटा करके खुद पतला मत हो जाना-
लोग आजकल ये कानाफूसी करते हैं
कि हम लिखने में बड़ी कंजूसी करते हैं-
कैसे भूल जाऊं
जबरन तेरे खाये चाटे को।
अफसर के डॉट डपाटे को।। कैसे भूल जाऊं
लेट जानबूझ जाने के सपाटे को ।
मस्तिखोरी से भरी उन सौगातें को।। कैसे भूल जाऊं
साथ मिलकर किये गये उन ठहाके को।
वक्त के साथ किये गये सेंर सपाटे को।। कैसे भूल जाऊं
लड़ते झगड़ते बिते लम्हें के परार्टे को
इन पुरानी बिते हुए पल की हंसीन यादे को।।कैसे भूल जाऊं
तेरी बचपनी तेड़ी मेड़ी हास्यपूर्ण हरकतें को।
आज आये खुशियां से भरे तेरे जन्मदिवस के सरार्टे को।।
कैसे भूल जाऊं
मेरे प्रिय मित्र , कंजूसो के शहंशाह, बचकानी हरकतों के महाराजा को जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं बाबा महांकाल का आशीर्वाद सदैव बना रहे ऐसी मनोकामनाएं।-
इतने पैसे हुए थे ऑनलाइन दिल को ना लिए होते फिर तो हम भी किसी हसीना से दिल लगाकर उसके पास होते हैं
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लफ़्ज़ों के होते हैं बड़े जो जादूगर
जाने लिखने मे क्यूं कंजूसी करते हैं-
जिंदगी जरा मुस्कुरा
सूम सी क्यूँरहतीहै आजकल,हँसनेसे तूमतकतरा
जो तू हँसती रहे सदा तो ,बहुत मजा भी आता है
हंसने में कोताही करके,मजा ना कर तू किरकिरा
तू हंसती तो जग हंसता है ,रोती कोई ना रोता
हंसकर के मीठे सुर में गा,राग ना गा तू बेसुरा
बात जो हँसने की आये तो,मारठहाका जोरोसे
हंसने की बातों पे हंसे ना ,होगा कोई सिरफिरा
हंसने में पैसे नहीं लगते ,करना क्यों कंजूसी है
ठोकदेताली हँसोजोरसे,क्याकरलेगा कोई ससुरा
हंसनेसे थकतानहीं मानव,काम करे चाहेजितना
मनमाफिकपरिणाम मिले,और काम रहेनाअधूरा
ऐ,,जिंदगी जरा मुस्कुरा.......-
Oyee ...
कभी तो acche se like कर के,,
Rose, Lily,sapling, flower, garden भी दिया करो 😁😁😅-
नहीं लिखती किस्से लंबे,
कविता बना लेती हूँ
कंजूसी करके शब्दों की,
शब्द बचा लेती हूँ
है व्यापारी की संगत का असर
"भाव" पूरे लगा लेती हूँ
😂😂-
बाप रे बाप!
रोज़-रोज़ लगातार
जितने भी निपुण हो जाओ
चाहे जितना नाम कमाओ
तारीफ़ में कंजूसी होगी
शिकायतों का होगा पहाड़ ।
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