~खुशियों का त्योहार
क्यों डरतें रंग बिरंगे चेहरों से,
इसमें सालों की याद छुपी।
रंग तो महज बहाना यहां,
हिन्द संस्कृति की आस छुपी।
अपनें सभी त्यौहार मनायें,
अब हर-जन में आवाज गूंजी।
त्यौहारों में घुल-कर देखो,
खुशियों की सही सौगात छुपी।
अपने त्यौहारों को धूमधाम से मनाएं,
खुशियों से भरा एक गुलदस्ता सजाएं।
आप सभी को सपरिवार रंगों के त्यौहार
होली की हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐
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सुधर जाती हें जिंदगी भी अच्छाई के आयने से।
~मेरी पहचान
बस तू रिझे कैसे सांवरे,
में तूझे रिझाने आया हूं।
में पूतला कपट काम क्रोध का,
लिये धाम तिहारे लाया हूं।
पवित्र हृदय को कर,जिसमें तू बसे,
अन्त: धर विश्वास बनाया हूं।
बस तू रिझे कैसे सांवरे,
में तूझे रिझाने आया हूं।
नैना हो सुखद दरश से तेरे,
बारम्बार अरदास यही लगाया हूं।
प्रभु मेरे सांवरे मेरे राम इतनी,
विनती,मेरी तूझ से ही हो पहचान
पाकर तेरे पावन दरश को
मैं अपने भाग जगाया हूं।
बस तू रिझे कैसे सांवरे
में तूझे रिझाने आया हूं।
~सेंन मोनू मनमीत
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~श्री राम प्रतिक्षा
प्रेम जोत ये जली हे जी , रामजी तुम्हारे लिए
कब से द्वारे खड़ा हूं जी , प्रभु जी तुम्हारे लिए
नैना मेरे चंचल हे , मार्ग में एकटक अड़े हे जी रामजी तुम्ह..
विश्वास थोड़ा दिलाओं जी , कब तुम पधारोगें
कब से खड़ा द्वार प्रतिक्षा में , प्रभु रामजी तुम्हारे लिए
में तो हूं बालक सा , क्या में भक्ति तेरी जानूंगा
प्रभू राम तेरी ही शरण हे जी , छोड़ दूर कैसे जाउंगा
में तो मानूं साथ तेरा हरपल , जगत का ना मानूंगा
संसार भरा मोह से जी , आशीश छाया तेरी चाहिए जी
कब से खड़ा द्वार प्रतिक्षा में , प्रभू रामजी तुम्हारे लिए ।
न में भक्तों की गीनती में , न में भक्ति तेरी जानूंगा
मेरी गाथा तू ही जाने नाथ , बोल कैसे तूझे मनाऊंगा
एक तेरा नाम हे प्रभुवर , जीसे जपता चला जाउंगा
पहचान हो तूझसे ही प्रभुवर , विनती मेरी इतनी ही
कब से खड़ा द्वार प्रतिक्षा में , प्रभू रामजी तुम्हारे लिए।
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~आशीष वरदान~
मेरी मां में हूं घमण्ड़ का पुतला,
मुझमें तू आशीष वरदान को भर दें।
लोभ मोह ईर्ष्या वश में हूं फसा,
श्रृद्धा,समर्पण का वरदान तू कर दें।
नही जानू में भक्ति,शक्ति तेरी
बस मुझमें धैर्य विश्वास को भर दें।
हें जगत माता महारानी मैय्या मेरी,
राग,द्वेष कलेश मुक्त हृदय को कर दें।
मां काम क्रोध का मे हूं रोगी
दया,करूणा,प्रेम वात्सल्य भाव तू भर दें।
जीवन मरण चक्र को मे क्या समझू
बस मां अपने चरणों का दास तू कर दें।
मेरी मां में हूं घमण्ड़ का पुतला
मुझमें तू आशीष वरदान को भर दें।
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आज का व्यक्ति अंतरिम सुन्दरता को खो देता और बाहरी सुंदरता में खो जाता है।
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~गौमाता
मानवता पर कर परोपकार सब त्रास हरे,
कर कल्याण विपदा में हृदय विश्वास भरे।
जिनके रोम रोम में बसा प्रभू का वाश हो,
करूणाकर ममतामई गौमाता वो नाम धरे।-
~आखरी मोड़ नहीं
लाख डराये स्थिति तो भी
गूंजे कोई गलत शोर नहीं
जिम्मेदारी पुकारती हे बरते
सावधानी कुछ ओर नही
जीवन के हर संघर्षों में
सुख-दु:ख का हे जमावड़ा
हर कदमों पर हे परिक्षा
यही एक आखरी मोड़ नहीं
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~आत्मबल जगाना
मानता हूं, मानवता पर
घोर अंधियारा हे छाया हुआ
विषाक्त शक्ति रूप में
हमपर यें कहर बरसाया हुआ
ले शपथ,होंगे सफल
हराकर यह नाजुक स्थिति को
बस जगाना हे आत्मबल
जो अंत: में हे समाया हुआ।
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~कालाबाजारी
लूटते हे आज ,कल को बेहतर बनाने की चाहत में,
तौल देते जिंदगी को,लालची स्वभाव की शरारत में।
भूल जाते,की आज तक कोई पैकींग ना साथ गई,
फिर भी,जाने क्यों समेंटने लगे आपत की हालत में।।
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🌹🌹जो सोया हो उसे पानी के छिटे से जगाया जा सकता है।
ओर वो जागता भी हे , लेकिन जागते हुए जो सो रहा है उसे जगाने के लिए क्या करना चाहिए ......... अगर आप जाग रहे तो प्रती उत्तर देने का प्रयास करे।।
🙏🏻🙏🏻राजहंस 🌹🌹
~ जागते सोयें को जगाना है
मिथ्या अंधियारे में सोयें हमें उन्हें जगाना है,
लिये हाथ सत्य मशांल रास्ता हमें दिखाना हे।
भर प्रेम निस्वार्थ भाव से सबके हृदय जीत जाना है,
मन्नत तो सबकी एक उन्नत समाज हमें बनाना है।
भुला मतभेदों को दूर नवचेतना को भरलाना है,
कोशिश हो एक साथ सभी,यही कर्म अपनाना है।
मिथ्याभ्रम में जागते हूए सोयें को फिर हमें जगाना हे,
एकता रूप सब मिल समाज को उन्नत हमें बनाना है।
~सेंन मोनू मनमीत
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