भुला सब गिले शिकवे सभी के, प्रेम से हम बात करते हैं।
छोड़ इस जाति-धर्म को, पैदा मानवता की जात करते हैं।।
आओ मिलकर हम कोई नई शुरुआत करते हैं..….
पूरी होगी चाहतें हमारी भी, पैदा खुद में ऐसा विश्वास करते हैं।
पाने को मंजिल अपनी, राह नई हम कोई तलाश करते हैं ।।
आओ मिलकर हम कोई नई शुरुआत करते हैं..….
हो भला किसी का इस तन से, ऐसा कोई हम काम करते हैं।
इस जग में रोशन हम भी,अपने माता-पिता का नाम करते हैं।।
आओ मिलकर हम कोई नई शुरुआत करते हैं..….-
नया साल नया वर्ष नई है रात,
देखते इस बार क्या बदलेंगे हालात,
मुश्किलें बढ़ेंगी या आयेगी सौगात,
जो भी हो पर नई होगी हर बात,
एक नई धूप होगी, होगी नई बरसात,
कई जिंदगियाँ भी देंगी मौत को मात,
हालातों की बंदिशों से क्या मिलेगी निजात,
या कुछ नये रिश्तों से होगी मुलाकात,
आने वाले कल से हम सभी हैं अज्ञात,
पर जो भी हो करनी है एक नई शुरुआत ।।
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नव वर्ष का नवप्रभात, उत्साह का हो विस्तार,
विश्वास का बने आधार, नई योजनाएं ले आकार,
मिट जाए सारे विकार, हर सपना हो साकार,
किसी के जीवन में, न आये दुख का भार,
यह वर्ष प्यार, सुख, समृद्धि की लाये बौछार,
सबके जीवन में खुशियों की हो एक नई शुरुआत!!-
इस साल के आखरी दिन में....
नई उम्मीद के साथ विदा लेंगे,
नए गीत के साथ विदा लेंगे...
हुई जो भी गलतियां हमसे उसकी,
क्षमा और विनीत के साथ विदा लेंगे...
इस साल के आखरी दिन में,
एक तस्वीर के साथ विदा लेंगे...
गिले- शिकवे भुला के लग जाना गले,
नए साल में इस उम्मीद के साथ विदा लेंगे...
हमारे रिश्ते मजबूत रहे नए साल में भी,
इसी सच्ची प्रीत के साथ विदा लेंगे...-
सिर्फ पुरुष ही,
अपने अंदर के रावण के क्यों मारे
स्त्रियों को भी चाहिए कि
वो भी अपने अंदर की
कैकई तारका मंथरा
और शूर्पनखा को मारे,
आइए आज मिलकर एक नई शुरुआत करें,
हम भी अपने अंदर के रावण को मारे
और आप भी अपने अंदर के शूर्पनखा को मारे.!!-
चलो, ना आज फिर एक नई शुरुआत करते हैं,
दोनों अजनबी बन फिर वही पुरानी बात करते हैं।
☺️♥️-