लोग सोचते है, पर हम डरे नहीं
बेटा अभी जिंदा है, हम मरे नहीं ।-
मुझे मोहब्बत नहीं है उससे
फकत आरजू ये है कि मुझे
उसके सिवा कोई नहीं चाहिए ।-
जब दर्द को कलम से जाहिर करने का फन जानता है,
तो फिर क्यों बदनाम तू गली गली की खाक छानता है।-
कुछ लोग बदल से रहे है मौसम के माफिक
अब देखा जाए इश्क की बरसात कब होगी ।-
वो बाते बहुत बड़ी बड़ी करते है
वादे भी हमसे बहुत किया करते है,
मिलने के लिये हम गुजारिश करे
तो उनके पास वक़्त कहा होता है,
और फिर एक नया झूठ बोलकर
हमसे आगे का इरादा करते है
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मुफलिसी मे वो हमे मुजरिम समझ बैठे है
इत्तेफाक़ से कमल को कीचड़ समझ बैठे है,
दर बदर भटक रहा हु तेरी याद मे "ए सनम"
तेरी तलब मे खुद से नफरत करके बैठे हैं ।
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सारी बंदिशें तोड दी थी मैने उसको पाने की खातिर
और वो हमे बेवफा बोलकर आज शातिर बन गये है।-
लोग मुझे बेवफा कहने लगे है
एक बात बताओ यार ,
क्या हर इन्सान की हर बात को
मान लिया जाये उसको वफा कहते है ?-
मैं तो हर वक़्त बे-वक़्त तुझे याद करता हूँ
हर खुशी और गम मे तुझे साथ रखता हूँ ,
ना जाने कितने फसाने हुये मेरी जिन्दगी में
अपनी हर बात को तेरे लिये खुली किताब रखता हूँ।-
हैरत में हूँ मैं उस गैरत की बातों से
सो नही पाया हूँ मैं काफी रातो से
वो सोचती होगी कि बेवफा हूँ मैं ,
शायद
वाक़िफ़ नही है वो मेरे हालातो से ।-