उंगली उठने पर नाराज़ न हुआ कर "आरिफ़"
ये वही उंगली है जिसने तुझे चलना सिखाया-
गर देख लेते आईना उंगली उठाने से पहले,
छींटाकशी दामन की कम हो गई होती !-
जरा अदब रख तू इनकी, अपनी निग़ाहों में "चिद्रूप"।
ये वही हैं जो खुद को जला, तुझें चमकना सिखाया।।-
उंगलियाँ उठाने का बड़ा शौक था "तृषित "
गौर किया तो अपनी ही सूरत नजर आई.-
आसान है राम पर उंगली उठाना
मुश्किल है मगर राम बन कर दिखाना-
लाखों दिलों को भा गये
लाखों दिलों में छा गये
हम भी तुम्हारी उंगली थामे
देखो यहाँ तक आ गये-
अधनंगी टांगों पर उंगलियां उठाने वालों,
तुम्हारी ओर मुड़ी उन चार उंगलियों पर भी गौर कर लो जरा...-
किसी की गलती पर
उठती है उंगली जितनी तेज़ी से
किसी के मदद को
उठते नहीं हाथ क्यों उतनी ही शीघ्रता से?-
छू रही हैं मुझे तेरी बहकती उंगलियाँ
छू रही हैं मुझे तेरी महकती उंगलियाँ
जल न जाऊँ मैं कहीं इनके छूने से
छू रही हैं मुझे तेरी दहकती उंगलियाँ-
तेरे तन के तारों पर
रेंगती मन की उंगलियाँ
तेरी सिसकियों की सरगम
करती हमारी चुगलियाँ-