दूर है तू मुझसे फिर भी करीब महसूस करता हूँ
तेरी यादों में मैं खुद को हमेशा मशरुफ़ रखता हूँ-
एक ये पल भी और निकल गया तेरे इंतज़ार में
ना जानूं मैं...है तू किस जहान में
आज़मा ले तू भी इंतहा मेरे ज़ज़्बातों की
कमी ना आई..ना आएगी...मेरे प्यार में-
हर दिल का दुश्मन समझ, परखने गई जो 'इश्क़' को,
लहूलुहान होकर भी जो मुस्कुरा दिया, मैं भी फ़िर उसकी हो गयी।
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तसव्वुर को तेरे चूम कर करार कर लिया दिल ने..
के ये मोहब्बत है मेरी दीवानगी जिस्म की नहीं..
तेरे एहसास पढ़े मैंने नज़रो से लिख दिये फिर कलम ने.
ख़ालिस होता है इश्क़,, कई किस्म का नहीं..
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मुद्दतों के इंतजार के बाद दिल की तलाश पूरी हुई।
पलभर को सही,
खुश हूँ खुदा की तूने मुझे मेहबूब की चाहत का सुकून तो दिया।।-
दूरी है,मजबूती है
मगर तेरी यांदे है,फरयादे है
कुछ दिनों की है ये दूरी
फिर आना है संग हमे उमर सारी-
इश्क़ तो आज भी है तुझसे
बस अब फर्क इतना सा है कि
उम्मीदें रखना छोड़ दिया है तुझसे।-
बरसने दो बादल, धरती गीली होने दो,
मैं तो बस बूँद बनकर तुझमे रमना चाहता हूँ,,।।-
अभी-अभी तो जगे है इश्क़ की गहरी नींद से हम,
अभी भी सिर में दर्द है और हल्का-२ सा ख़ुमार है ।।-
मशहूर कर रहा है मुझें इश्क़ मेरा
तुमें भी इश्क़ हो जाये, तो इक़्तला करना।-