क्या सुंदर लिखी कहानी है, क्या बढ़िया सजा जवाल है,
हर एक की अपनी शंका है, हर एक के अपने सवाल है।।
(ये लाइन मैने गुनाहों का देवता, दूसरी बार पढ़ने के बाद लिखा है।)
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Anurag Srivastava
(Anurag ...( विनम्र ))
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‘अनुराग' से मिलने में अब क्या रख्खा ?
और अनुराग के पास भी, दिल कहाँ रख्खा ??
अनुराग
Thanks fo... read more
और अनुराग के पास भी, दिल कहाँ रख्खा ??
अनुराग
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Joined 14 February 2019
22 JUL AT 0:45
22 JUL AT 0:40
व्यवहार तय करता है, स्वभाव का अमृत या गरल होना,
आज की दुनियाँ में सबसे कठिन है सरल होना।।-
22 JUL AT 0:28
तुम बस ये कह दो की, मैं सब कुछ ठीक कर दूंगा भगवन,
फिर तुम देखना मेरा हर शय, हर पत्थर, पे सजदा करना।।-
12 JAN AT 0:49
ये सोच कर हरकारे ने उन्हें पैग़ाम न दिया,
पता वगैरा तो दुरुस्त था, पर आदमी नहीं।।-
4 JAN AT 22:34
जमाने ने मेरी उड़ान को यूं भी हौसला दिया,
पंख बांध कर कहा, क्या खूब उड़ता था।।
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14 OCT 2024 AT 21:03
झूठ की उम्र भी, अब बहुत लंबी होती है
कौन मरता है अब वादे पर मुकर जाने से ।।-
4 OCT 2024 AT 18:22
एक उम्र हमनें काट दी तेरे बगैर ही,
तू सोचती है कि मैं तेरे बगैर कुछ भी नहीं हूं ।।-
3 OCT 2024 AT 23:25
जो जानते हैं मुझे, उनसे मेरा मतलब है,
गैर गर वाहवाही भी देगें तो मैं करूंगा क्या??-
1 OCT 2024 AT 18:43
अब मैं आजाद करता हूं अश्कों को सिर्फ़ बारिश में,
दुःख का तमाशा दिखाने का अब मेरे दिल नहीं रहा।।-