ये सोच कर हरकारे ने उन्हें पैग़ाम न दिया,
पता वगैरा तो दुरुस्त था, पर आदमी नहीं।।-
Anurag Srivastava
(Anurag ...( विनम्र ))
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‘अनुराग' से मिलने में अब क्या रख्खा ?
और अनुराग के पास भी, दिल कहाँ रख्खा ??
अनुराग
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और अनुराग के पास भी, दिल कहाँ रख्खा ??
अनुराग
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Joined 14 February 2019
12 JAN AT 0:49
4 JAN AT 22:34
जमाने ने मेरी उड़ान को यूं भी हौसला दिया,
पंख बांध कर कहा, क्या खूब उड़ता था।।
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14 OCT 2024 AT 21:03
झूठ की उम्र भी, अब बहुत लंबी होती है
कौन मरता है अब वादे पर मुकर जाने से ।।-
4 OCT 2024 AT 18:22
एक उम्र हमनें काट दी तेरे बगैर ही,
तू सोचती है कि मैं तेरे बगैर कुछ भी नहीं हूं ।।-
3 OCT 2024 AT 23:25
जो जानते हैं मुझे, उनसे मेरा मतलब है,
गैर गर वाहवाही भी देगें तो मैं करूंगा क्या??-
1 OCT 2024 AT 18:43
अब मैं आजाद करता हूं अश्कों को सिर्फ़ बारिश में,
दुःख का तमाशा दिखाने का अब मेरे दिल नहीं रहा।।-
20 SEP 2024 AT 21:13
हमें हालात ने बेबस बना दिया है दोस्त,
कोई यूं ही नहीं जीने का मौका छोड़ता है।।-
19 SEP 2024 AT 22:14
हर किसी के लिए गर आदमी सही हो तुम,
यकीं मान लो फिर किसी के नहीं हो तुम।।-