शख़्सियत...
कुछ ऐसी थी उसकी
जितने ज्यादा लोग आकर्षित हुए
उतने ही कम लोग जिन्दा बचे।-
भारतीय 🇮🇳
अंतर्मुखी 😑
शख़्सियत...
कुछ ऐसी थी उसकी
जितने ज्यादा लोग आकर्षित हुए
उतने ही कम लोग जिन्दा बचे।-
जब वो उलझाती है मुझे अपनी बातों में
तब वो संसार की सबसे श्रेष्ठतम नारी हैं।-
तुम्हारा मेरे साथ होना उतना ही आवश्यक है
जितना कि जीवित रहने के लिए श्वांस का।-
गलती से भी ना मिलना तुम फिर कभी
ये जो लंबे वक़्त से समेट रखा है
खुद को...
तुम्हारे सामने कहीं बिखर ना जाऊँ।-
उसके लिए मैं कुछ भी नहीं
फिर भी ना जाने क्यों
दिल उसके ही ख़्वाब बुनता है-
मैंने वक़्त को जाते हुए देखा है
या यूं कहूँ...
मैंने तुम्हें जाते हुए देखा है।-