वो मिलने की मन्नत करते रहे,
मैं इज्जत की दुहाई देती रही।
बस इस क़दर ही,
मेरी मोहब्बत की कहानी खत्म हो गई।-
हम अपनी हिफाज़त कुछ इस कदर कर लेते हैं
मोहब्बत छोड़ देते हैं और इज्जत रख लेते हैं....-
एक लड़की की ची़ख सुनता कौन,
सब देखते है तमाशा और ज़माना हो गया मौन।
तकलीफ इसकी मदद को पुकारती,
जिंदा रहकर हर दिन खुदको मारती।
गलती करे कोई और सजा मिले इसे,
अपनी इज्जत पर दाग के किस्से सुनाए किसे।
अपने घर में बनकर रहती मेहमान,
शर्म, लज्जा, सादगी ही है क्या इसकी पहचान।
मजाक बन रहा इसका ईमान,
दरिंदे बन रहे कुछ इंसान।
क्यों करते इसकी इज्ज़त को बदनाम,
औरत का अपमान करना ही है क्या कुछ जालिमों का काम।-
छोटा भाई : भैया शहर में सब कुछ किराए पर
मिलता हैं, आप चिंता मत करिए।
बड़ा भाई : चलो अच्छा हैं, अपना खयाल रखना।
(मन में : छोटे जहां इंसान बिकते हैं और
जिस्म किराए पर मिलते हैं, तो बाकी
चीजों का क्या।
तू बस अपना और बाबा की इज्जत का
खयाल रखना।)-
बातों में इज्ज़त और धर्म को दफ़ा करते हैं लोग
फिर भी कहाँ किसी से अब वफ़ा करते हैं लोग
मन में एक दूसरे के लिए सब ज़हर घोल रखा है
दिखावे के लिए आँखों से आँसू सफ़ा करते हैं लोग
नीयत और सीरत पर भी नज़र नहीं किसी की
हासिल फिर कैसे कोई फलसफ़ा करते हैं लोग
ख़ुद की ख़ुशी और ज़िन्दगी से मतलब है यहाँ
बाकी तो यहाँ बस गरीबों पर जफ़ा करते हैं लोग
बेईमानी करके भी पेट भर लिया करते हैं अपना
बस इसी तरह अपने काम में नफ़ा करते हैं लोग
किस मर्तबे को हासिल करना चाहते हो "आरिफ़"
यहाँ तो ख़ुदा को भी बेवजह ख़फा करते हैं लोग
"कोरा काग़ज़" है ज़िन्दगी ऐसी ही जायेगी वहाँ
इतने पर भी कहाँ किसी से वफ़ा करते हैं लोग-
अपने ज़ख्मों को रफ़ू करना सीख लिया
जब मैंने अश़्कों से वज़ू करना सीख लिया
हर कोई मेरा दीवाना हो चला अब यारों
मैंने दुश़्मनों से गुफ़्तगू करना सीख लिया
दिल में अब मोहब्बत भी है और आस भी
मैंने ख़्वाबों को आरज़ू करना सीख लिया
हर तरफ़ सिर्फ़ ख़ामोशी ही फ़ैली है यहाँ
बेवजह मैंने दिल पुरसुकूं करना सीख लिया
अरमानों का आसमान ऊँचा हो गया अब
मैंने मंज़िलों को जुस्तजू करना सीख लिया
हर दिन एक इतिहास नया है दुनिया में
हमनें उड़ानों को चारसू करना सीख लिया
इज्ज़त की अब धज्जियां उड़ा दीं "आरिफ़"
लोगों ने सबको बे-आबरू करना सीख लिया
लोग आये थे "कोरा काग़ज़" बनकर यहाँ
गुनाहों से गंदा पहलू करना सीख लिया-
खुद को हर बार भुला दूं,
ऐसी मुहब्बत हम आजकल करते नहीं..
इश्क़ बेहिसाब है उससे लेकिन,
इबादत हम किसी की करते नहीं..
उसकी हर चाहत का ख़याल है,
लेकिन खुद की तासीर हम
किसी के लिए बदलते नहीं..
यूं तो मिलने की ख़्वाहिश है दबी कहीं,
मगर हम पलके बिछाकर इंतज़ार
किसी का करते नहीं..
मुहब्बत अगर दिल से हो तो
लुटा दूं अपनी जान उसपे,
सोच समझकर की हुई दिल्लगी को
हम मुहब्बत कहते नहीं..
©Aditi Tripathi'आज़ाद'🇮🇳-
प्यार वफ़ा सब ख़ुद्दारी संग
भरोसा दिखा सको तो इश्क करना!!
हो जाना खफा खुद से,
किसी रूठे को मना सको तो इश्क करना!!
मिटा कर रिश्ते की कड़वाहट
कोई रिश्ता बचा सको तो इश्क करना!!
हो जाना उसकी खुशी के लिए दूर
और किसी को मिला सको तो इश्क करना!!
बिन गलती, ग़लती मानकर
कोई चेहरा हंसा सको तो इश्क करना!!
Saloni patel-
लड़कियाँ की इज्जत किया करो ; 🤗
क्योंकि 🤔
उनकी बेइज्जती करने के लिए उनके भाई ही काफी है !! 😁-