बेमतलब, बेतरतीब, बेवजह, बेवफा, वो संसार होता है,
जहाँ आपस में हो वैर-भाव, वो कहाँ परिवार होता है!
तवज्जो देना इस और भी, बैलोस हँसी दिखाना तुम,
झूठी मुस्कान से ग़म छुपाने वाला बड़ा मक्कार होता है!
चैन-ओ-अमन हो ज़िन्दगी में, ना रंजिश - ओ -ग़म हो,
दर्द के बदले, दु:ख-ओ-तकलीफ़ देना व्यापार होता है!
तेरे हिस्से का वक़्त तुझे ही गुजारना है ये मुकद्दर है तेरा,
मातम पर मनाए जो जश्न, उस पर धिक्कार होता है!
मसरूफ़ ना होना बुलंदियों की बारिश में कभी 'कुमार',
कि निभाना कभी राजा कभी फकीर का किरदार होता है!
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