QUOTES ON #आर

#आर quotes

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11 JUN 2019 AT 11:55

यह बात अलग है कि तुम मुझे
चाहती हो और मैं भी तुम्हें
मुहब्बत करता हूं, हां मगर मैं इश्क
उसी से करुंगा जो मुझसे प्यार करे।

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18 AUG 2017 AT 20:34

बेमतलब, बेतरतीब, बेवजह, बेवफा, वो संसार होता है,
जहाँ आपस में हो वैर-भाव, वो कहाँ परिवार होता है!

तवज्जो देना इस और भी, बैलोस हँसी दिखाना तुम,
झूठी मुस्कान से ग़म छुपाने वाला बड़ा मक्कार होता है!

चैन-ओ-अमन हो ज़िन्दगी में, ना रंजिश - ओ -ग़म हो,
दर्द के बदले, दु:ख-ओ-तकलीफ़ देना व्यापार होता है!

तेरे हिस्से का वक़्त तुझे ही गुजारना है ये मुकद्दर है तेरा,
मातम पर मनाए जो जश्न, उस पर धिक्कार होता है!

मसरूफ़ ना होना बुलंदियों की बारिश में कभी 'कुमार',
कि निभाना कभी राजा कभी फकीर का किरदार होता है!

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मेरा मीलो का सफर ,एक पल मे खत्म हो गया
जब उसने पूछा ,बताओ कैसे आना हुआ

......... आर सी

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18 SEP 2021 AT 20:57

अब तो आर या पार
वक़्त बस थोड़ा और
कर ले इन्तज़ार
मुझे रब पर और खुद पर
पूरा है ऐतबार

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आज कल बात भी नही करती ,
ये बदला है यह बदली हो तुम

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वो बेरुखी थी तेरी जो दिल के आर पार हुई
मासूम लोग तलाशते रहे नेजा ए खंजर...

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||चांद का साया||
चांद का साया, धरती की पुकार|
आरज़ू है बिजली की, गगन के उस पार||

कभी सोया था छत पे, पायल की झनकार|
काले लिबास में था, उस चांद का दीदार||
चांद का साया धरती की पुकार||

कड़कती रही वो चपला,आम्रपाली के द्वार|
बन के बादल सी गरजती, सीसे के उस पार||
चांद का साया, धरती की पुकार||

नीम की हरियाली, पानी की बौछार|
लस्सी की चुस्की, वो किरणों का प्यार||
चांद का साया धरती की पुकार||

गोरे वदन से निकलती, शबनम की टंकार|
पलकों पर बैठी स्वेद सी बूंदे, पीली चूनर की सरकार||
चांद का साया धरती की पुकार||
- "राकेश"

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देख अकेला छत पर तुझको,
झट चुपके से मेरा आ जाना,
मेरे लेने पर मीठा चुम्बन,
तेरी ठण्डी सी आहें भरना,
कर याद पुरानी बातों को,
अब तुम भी छुप छुप रोती होगी...!!!


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28 NOV 2018 AT 14:30

वो खंजर को इश्क़ में छुपा कर लायी थी
मैं मदहोश रहा और वो आर-पार हो गई

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23 APR 2022 AT 13:03

जहाँ
एकजुटता है
वहाँ संपूर्णता है...

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