जो दूर हो तो भी लगे पास हो😊
जो पास हो तो सांसों में सांस हो💕
जब गुस्सा हो तो लगते बकवास हो😏
जो भी हो जैसे भी हो, मेरे लिए तुम खास हो😘
जो चाह कर भी कम ना कर सकू, तुम वो एहसास हो💗
जब चाहु तुम्हे छुना तब पता चलता है कि तुम तो बस मन का आभास हो😂-
ये हिचकियां भी
कमाल करती है
याद करते ही
बंद हो जाती है
ये आभास मेरा
क्या सच है!
या ये एहसास
कोई भ्रम है?-
आभास तो है मुझे औरत के दर्द का,
हूँ मर्द बुरकेे में मैं,मूक सा खड़ा हूँ ।
तलाक तीन बार बोला हूँ,
तो आज़ाद मैं हुआ हूँ ।
सिसकती रही बुरके में आदम की बेटी,
हूँ आदमी बुरके में मैं,चुपचाप सा खड़ा हूँ ।-
प्यार का सिद्धांत:-
⛵⛵⛵⛵⛵⛵⛵⛵⛵⛵⛵⛵⛵
"जब एक युवक किसी युवती के प्यार में पूर्णतः या आंशिक रूप से डूबता है, तो उसको पढ़ाई में कमी का आभास होता है। आशिक़ी के कारण पढ़ाई में आई यह आभासी कमी युवती से निरंतर बढ़ते प्यार के बराबर होती है।"
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मुझमें अब ना कोई जज्बात हैं ,नाहीं कोई अहसास हैं,
मैं वह मिट्टी की मूरत हुँ जिसमें सिर्फ एक पत्थर का आभास है.-
अचानक से मिल जाये तु मुझे किसी मोड़ पर ,
ऐसा आभास मुझे हर रास्ते पे होता है ।-
आभास हा मनोमनी ,
वाटे तुझाच आता मला .
एक वेळ भेटूनी तर घ्यायचं ना ,
जेव्हा सोडून गेली मला .
विचार माझा नाही ..
पण कमीत कमी ,
या हृदयाचा तर करायचा ना .
जबरदस्तीने नाही ..
पण कमीत कमी ,
मनापासून तर बोलायचं ना .
(Shubham Deøkar)-
दृग रश्मियाँ तुम्हे खोज रही हैं
मुझमे ही तो तुम प्रतिभाषित हो
फिर क्यों न चतुर्दिक आभाषित हो
बसंत के घेरे में , सहज स्वेद रोमांच हूँ
सुबह सुबह बरसी हुयी वर्षा का अवशेष हूँ
कहाँ हो अब तुम की मैं मौसम की आखिरी प्रवास हूँ
ह्रदय पल्लव पुलकित हैं मैं कस्तूरी की प्रथम सुहास हूँ
जब प्रांगण का देव रूठ जाये मृत्यु का वो अंतिम आभास हूँ-