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आलिंगन,चुंबन कर नख-शिख तक
प्रेम-योग-दिवस मनाओ .!
अपने अन्दर की प्रेयसी-पुरुष संग
रस-रास दिवस को जाओ .!
योग मतलब जुड़ना है
जुड़ जाओ .!
देह-प्रेम से तृप्त हो
लिंग-योनि सार तुम पाओ .!
देहभास के हर-कण-क्षण से
आत्म-तृप्ति सजाओ .!
भोग,योग की मेहनत से
दो बदन इक जान ब्रह्म में मिल जाओ .!
प्रेम करो कुछ ऐसा,
योग-आनन्द-रास तुम पाओ .!
Arun Dhawan.-
डॉक्टर मेरी दिल का मेरे
इलाज करती है
इलाज करते-करते
दिल पर ही फिर क्यूँ वार करती है.?
Arun Dhawan-
समन्दर पर उड़ता हुआ विमान अर्जुन को गीता का
उपदेश देने वाले कृष्ण की उन महापंक्तियों की याद
दिलाता है,जिनमें कृष्ण नश्वर-संसार को दूर से ही
योगी की तरह देखने की सलाह पार्थ को दे रहें हैं !
विमान अगर किसी पूर्व तैयारी से पहले समन्दर में
उतरेगा तो डूब जाएगा ऐसे ही हर रिश्ते को बस देखो
उसमें उतरे तो डूब जाने की संभावना बलवती है
परमात्मा का आलमबन लो.. दुनिया के सभी संबंध,
संबंधी बस स्वार्थ पर टिके हैं.!
Arun Dhawan.
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सोलह-शृंगार पर एक मीठी-मुस्कान-फबि,
राधा-श्याम की आदि-प्रेम-शृंगार-सखी .!-
फरेबी भी छिपे होते हैं.!
जो चलते हैं उँगलियों में डाले उँगलियाँ
दिलों में ज़हर लिए होते हैं.!-
मेरे अपने
अपनों का
बचाव करते हैं
क्या
हम उनके
अपने नहीं थे
जो
ये फसाद
करते हैं.???-
हम सभी घड़ियों के पेच कसने और ढीले करने वाले
महाब्रह्मांडनायक कारीगर कान्हा की जय .!
रिश्तों की नश्वरता को खटास और कड़वाहट माध्यम से जता अपनी मिठास में मिलाने वाले
मुझ बाँसुरी को सुर देने वाले कान्हा की जय .!
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तेरे नाम का सिमरन हो
जाते समय दुनिया का
न कोई विचार रहे .!
साँस की इस धौंकनी से
चलता रहे
तेरे नाम का व्यापार किशोरी .!-
मैं अकेला हूँ,न समझना मुझे,
उसकी रज़ा में राज़ी हूँ इसलिये चुप हूँ.!-