आहिस्ता-आहिस्ता पूरा शहर डूब रहा है
दिन रात की बारिश हर पहर डूब रहा है
हर शख़्स के जिंदगी भर की जमा पूँजी
पानी में जिंदगी भर का सफर डूब रहा है
ना जाने कब डूब जाए तैरती ज़िंदगी यहाँ
जिधर देखो शायरा 'सब उधर डूब रहा है
नहीं बची कोई गली ना कोई सड़क बाकी
हर मकां है लबालब हर शजर डूब रहा है
या ख़ुदा कर दे रहम बख़्श दे हम सबको
कहाँ जाएं अब हर जगह सर डूब रहा है-
हे प्रभु ये तेरी कैसी माया
चारों तरफ हाहाकार है
पानी की है मारामारी
कभी पीने को पानी नहीं
आज सब जगह है पानी पानी
मानव तू है नादान जिसे माने तू अन्नदाता
वह सिर्फ तेरा अन्नखाता
बाढ़ आपदा है सबसे बड़ा घोटाला
इसमें अन्नदाता सब खा जाता
हमारा पैसा ये नेता सब खा कर जाता
फिर चुनाव में तेरे पास आता
तेरा पैसा तुझपर लुटाता
तेरा अन्नदाता नेता तेरा सब खा जाता
अटल की योजना पुरानी जोड़ों नदियों का पानी
ना रहे सूखा ना हो सब जगह पानी पानी
उसपर कभी काम ना हुआ बना स्टेच्यू अरबों का ,है पैसों की बरबादी
बनारस क्योटो शहर है जिसका नाम
पीएम का है क्षेत्र जहां वहा है बुरा हाल
बिहार ३ महीनों से है red alert
कोई ना पूछे उनका हाल
गरीब का घर उजड़ गया
बच्चे बूढ़ों का हाल ना पूछो
नितेश बाबू सो रहे
डूब रहा बिहार खाने को खाना नहीं पीने को पानी नहीं रहने को घर नहीं हो रहे सब बीमार-
"मुसीबत को हिंदी में क्या कहते हैं?"
"आपदा।"
"तीसरा अक्षर ज़रूरी है क्या?"-
चैती छठ महापर्व की बहुत बहुत शुभकामनाएं
छठ मइया से प्रथान करें कि इस मुश्किल आपदा से हमें बचाएं ।
🙏🙏जय छठ मइया 🙏🙏-
सरकारों का पसंदीदा विषय
हमेशा से "गणित" ही रहा है!
कागज पर "आंकड़ों" की राजनीति।
सरकारें "प्रबंधन" की कक्षाओं में
हमेशा अनुपस्थित ही रही है!
"आपदा" में अव्यवस्थित नीति।-
खत्म हुई इंसानियत बचे हैं नर कंकाल,
लूट रहे हैं सभी को बन करके शृंगाल।-
@love_ki_pathshala_
ज़िन्दगी
उत्तराखंड सी..
बहुत हसीन मगर
आपदाओं से भरपूर..!!-