उम्मीद - ए - क्यों किसी से इतनी तू करता हैं ....
क्या तुझे अपने कंधों पर भरोसा नहीं रहता हैं ।।
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उच्च गुणवत्ता का समान देश मे ही बनाना है ,
हम सब को अधिकतम चीजें स्वयं बनाना है ,
देशवासियों को शुद्धता का विश्वास दिलाना है
हम सबको यथासंभव स्वदेशी ही अपनाना है !!
लोगों को आत्मनिर्भरता का पाठ पढ़ाना है ,
लोगों को स्वदेशी वस्तुओं के लाभ बताना है ,
अर्थव्यवस्था में सबको भागीदारी निभाना है ,
हम सबको यथासंभव स्वदेशी ही अपनाना है !!🙂-
• अपना कार्य स्वयं करना
• आलस्य का परित्याग
• आत्मविश्वास से भरपूर-
प्रेम में दी गई आज़ादी ,
हमे मजबूत, आत्मनिर्भर और सरल बनाता है ।— % &-
# # # फिर स्वदेशी अपनाये # # #
आओ अपनो के रंग मे रंग जाये
की फिर स्वदेशी अपनाये
जनता की इस अदृश्य शक्ति को
अपने सेना के साथ मिलाये
उस तानाशाह चाइना को उसकी औकात में लाये
अरे ये क्या बड़ी चीज है ,याद करे उनके जज्बे
जब 100 साल से गुलाम भारत
मे स्वदेशी का आह्वान कर बिना शस्त्र उठाये
अंग्रेजो को किया था पस्त हमने
फिर आज तो हम आजाद है ,थोड़े से पैसे बचाने के लिये
क्या अपने देश को गिरवी रख आये
अपने देश के प्रति अपना इतना तो फर्ज निभाये
की दिवाली उन मिट्टी के दिपो के संग ही मनाये
सड़क किनारे बैठ बेचने वाले अपनो के चहरे पर एक मुस्कान लाये
की tik tok जैसे एप रख के चाइना की इकोनॉमी क्यो बढाये
इसकी जगह अपने संस्कृति के इतने मनमोहक
रामायण ,महाभारत,राधे कृष्ण की कहानी मे मन लगाये
घर में चाहे चार इलेक्ट्रॉनिक सामान कम आये
पर गर्व से कह पाये की
हमने भारतीय होने के सारे फर्ज निभाये
आत्मनिर्भर भारत की ओर सब मिलकर कदम बढाये
की सरहद पे खड़े अपने सैनिक के कंधे से कंधा मिलाये
उस तानाशाह चाइना को उसी की भाषा मे मात दे जाये
आओ अपनो के रंग मे रंग जाये
की फिर स्वदेशी अपनाये।।
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पूरी दुनिया भर मे कोरोना की त्रासदी है !!
पर
मजदूरों की त्रासदी भारत मे ही है!!-
वो बड़ी दुविधा में थी।
क्या वो ख़ुद को आत्मनिर्भर कहे, उसकी जीविका तो उसकी देह पर निर्भर थी।-