*उत्तर से उन्नति* *दक्षिण से दायित्व* *पूर्व से प्रतिष्ठा* *पश्चिम से प्रारब्ध* *नैऋत्य से नैतिकता* *वायव्य से वैभव* *ईशान से एश्वर्य* *आकाश से आमदनी* *पाताल से पूँजी* *दसों दिशाओ से शान्ति सुख समृद्धि सफलता प्राप्त हो* !
एक दिन सब समाप्त हो जाएगा, मनुष्य के हृदय से सम्मान, प्रेम सब कुछ... सुन्दरता जीत जाएगी, आकर्षण ही प्रेम का प्रारूप बनेगा, लोग हृदय नहीं जानना चाहेंगे वो चुनेंगे मात्र प्रतिष्ठा, धन, रूप..!!!
हर वक्त चुकानी पड़ती है आजादी की कीमत , यह आजादी की सौगात नहीं है मुफ्त में आई ! अतीत में फांसी जेल हंटर तलवार से थी चुकाई , वर्तमान में सरहद पर सीना तान खड़े हैं सुरमई !! अब स्वतंत्रता का मोल समझ रहे हैं हिंदुस्तानी, कोरोना ने पर कतर लॉकडाउन में जब फसाई !!!