तुम कह रहे थे ना ,
बिल्कुल एक से है हम. . .
जैसी मैं. . . वैसे ही तुम,
तो सहसा ही मान लिया मैंने,
तुम्हें अपना आइना. . .
पर इक रोज जो खुद को उसके भीतर झाँक कर देखा मैंने ,
तो अचानक ही चटक कर
बिखर गया वो. . मेरे चारों ओर !
उस में दिख रहे थे कुछ लोग. . .
एक अकेली मैं,
और तुम्हारे हजारों अक्स !!-
रो देती हूं अक्सर खुदको आईने में देखकर
इन आंखो में अब भी सूरत बसती है तेरी।।।।।-
लोग कहते है कि आइना सच दिखाता है !
हाँ!
मगर पूरा कब दिखाता है ?-
कोई लड़की, लड़कों से दो चार बातें क्या कर ले
ये दुनिया उसे, उसके केरेक्टर को तुरंत ज़ज कर दे
कभी देखी नहीं ज़माने ने अपने ज़हन में पढ़ी गंदगी
जो दिखे आइना तो झट से नजर अंदाज कर दे
- ©सचिन यादव-
कि ये आइना झूठा है, मेरी असलियत को छुपा रहा है।
खड़ी सामने मैं हूं, पर न जाने क्यों दिखा तुम्हें रहा है।-
उसे देखे बिना
हमारा सिंगार अधूरा रहता है... 🙈🙈
जी नहीं,
हम किसी आशिक की नही, हमारे आइने की बात कर रहे है...।😅😎😉-
आइने में तलाशता खुद की हँसी जाने क्यूँ लोगों को उदास दिखता हूँ,
सच है आँसू सँभाले आँखों में तारों की तरह मानो आकाश दिखता हूँ।
-ए.के.शुक्ला(अपना है!)-
जब भी आईने के आगे से मैं गुज़रता हूँ;
ऐसा लगता है कि तुम देख रहे हो मुझको।-
ये नजरें जो सिर्फ
मुझे देख रही हैं,
पर ढूंढ रही हैं
किसी और को मुझमें।
कुछ कह रही हैं,
पर चाहती हैं कि
कोई और सुने इन्हें ।
जिनमें एक शोर है,
पर मेरी खामोशी
देखकर खामोश हैं।
क्योंकि इन्हें अफसोस है,
कि आईने के सामने
सिर्फ "मैं" खड़ी हूँ।
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