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आँखों से छलक ही जाते है बेवक्त आँसू...
ख्याल जब -- जब उनका दिल में आ जाये💖-
तुम्हारा इंतज़ार करते करते.....
मगर तुम न लौटे
इन आँखों से उम्मीद की किरण
भी खत्म होने लगी
जिनमे कभी थी सपनो
की सेज सजी हुई ।।।
अब तो साँसे भी थमती
सी प्रतीत हुई ।।।
जो कभी तुम्हारी धड़कन
महसूस करती थी
जाने अब कब रुक जाए
तुम्हारी राह तकते तकते...
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आँखों से जो बह जाये वो नीर खूब है.......
सूखती नदी भी तो अच्छी नही लगती❤-
कभी सच को बयाँ करती है तो कभी झूठ को
भी बयाँ कर देती है ।
कभी मौत का मंजर देख कर भी शांत रहती है
तो कभी छोटी सी खुशी से भी आंसू छलका देती है
कभी ये आंखे अपने टूटे हुए सपनो को बुनती है
तो कभी उन्ही आंखों पर खुशी की चमक होती है
कभी ज़िन्दगी की कशमकश में उलझा देती है
तो कभी ये आँखे हर दर्द खुशी से सह जाती है।
सच मे, ये आँखे बहुत कुछ झेलती है।
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पलकों की दीवारें झपकियों से भुला रही थी सब कुछ
औऱ आँखों से यूँ ही यादों का चिल्लाना होता रहा-
........,
जो सिर्फ अपनी तमन्नाओं से वास्ता रखते..!
हर खुशी जब उनको हासिल न हो तो खुदगर्ज वो...,
बेअदब होकर गैरत का मुकाम करतें....!
इस बैगानी भीड में हम तो सिर्फ इंसान निकले..,
वो छुटता रहा मेरे हाथो से और मेरी आँखे देखती रही..!
कल जब पलटोगे मेरी जिंदगी के पन्नों को..,
कुछ पर आंखें नम होंगी कुछ पर मुस्कुराहटें होंगी..!!
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मेरे शब्द निःशब्द तो हो गये
बस आँखों का पथराना बाकी है
राहों में बिछाये फूल तो सूख गए
बस तेरा आना बाकी है।-