क्षण-क्षण करके सारा जीवन संघर्षों में ही बीत गया,
कोशिश थी अव्वल आने की पर वक्त हमेशा जीत गया।-
अव्वल तो मेरे करीब आया हराम-खोर
फिर मेरे जज़्बात से खेला हराम-खोर
जिसको समझ रहे थे सफ़र-ए-हयात
वो दिल से बस खेलता रहा हराम-खोर
चेहरे से जो अयां है,दिल का हाल नहीं
मैंने शरीफ़ समझा निकला हराम-खोर
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आज एक ऐसे भाईसाहब ने मुझे follow किया है...
जिनकी wife कभी मेरी गर्लफ्रैंड थी।
भाई अब क्या लेने आये हो🤣🤣🤣
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अगर आप 'सब्र की परीक्षा' में
उत्तीर्ण हो गये तो
जीवन की हर एक परीक्षा में
अव्वल ही रहेंगे-
बाज़ी जब भी है लगी, ज़हन अव्वल आता है
दिल बेचारा हारता , हर दफ़ा पछताता है
चाल चलना , जाल बुनना , घेरना व मात देना
सीधा सच्चा दिल ,गणित ये तो समझ न पाता है-
मैं जिंदगी की पाठशाला में
हमेशा *अव्वल* आई हूं
मुझे मत सिखाना अब
तुम ये तालीम जिंदगी की!!-
अव्वल वो नहीं जो पहले सफ़ में खड़ा हो अव्वल तो वो,
जो सबके दिलों पे काबिज़ हो जिसको तनिक भी न हो गरूर।
वहम का क्या ये तो किरायेदार है विचलित मन का,
संभल जा ऐ बशर इक न इक दिन हो जायेगा ये चकनाचूर।।-
अव्वल अर्श हूँ,चाहे मेरे शब्द अच्छे अथवा बुरे हो।X
उनकी बे - इत्तिफ़ाकी-निगाह तो वहीं पर अटकी है। Y
चाहे मैं अमलन अच्छा लिख दूँ मगर,&
आपकी नियत भी तो उन्हीं के शब्दों पर भटकी है।।Z-