QUOTES ON #अरुण

#अरुण quotes

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10 MAR 2021 AT 9:59

टूटे हुए तारों से फूटे बासंती स्वर
पत्थर की छाती मे उग आया नव अंकुर
झरे सब पीले पात
कोयल की कुहुक रात
प्राची मे अरुणिमा की रेख देख पाता हूँ
गीत नया गाता हूँ

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7 JAN 2019 AT 19:32

बदलून जाईल
सुधारून जाईल
बिघडून जाईल
हसवून जाईल
रडवून जाईल
हिरावून जाईल
भरावून जाईल
दाखवून जाईल
लपवून जाईल
पळवून जाईल
थांबवून जाईल
हरवून जाईल
जिंकवून जाईल
पाडून जाईल
चढवून जाईल
कशी येईल सांगता येत नाही अशी" ही वेळ,",????''

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"माँ"
ईश्वर की अद्भुत कृति है वो,
वेदों की अनुपम श्रुति है वो,
वह है जननी समृद्धि की,
वह है जननी यशकीर्ति की,
है वही विश्व की ढाल सकल,
रचती है वह संसार सकल।

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14 JUN 2017 AT 1:17

मुख पर ऐसा तेज,
लागे अरुण निस्तेज।
सौम्य-सी सूरत,
निश्चल-चंचल-आकर्षक मूरत।
क्षीर-सी काया,
सुधा सम नयन।
जिस ओर दिखे हैं अली,
वो है बचपन वाली गली।

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27 MAY 2019 AT 21:34

तब तक साथ निभाना तुंम
अग्नि प्रज्वलित हो विरह में तेरी
बन ओस प्रिये चली आना तुंम
जब तक साँसे ...
यादों में तेरी जाने क्यूँ हुआ व्यथित मन मेरा
नैराश्य भाव छाया उर अंतर घेरे सघन अंधेरा
बन अरुण लालिमा जीवनपथ रोशन कर देना तुंम
जब तक साँसे ...

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19 JUL 2019 AT 14:49

होठो की मुस्कान देख
मेरी ख़ुशी का अंदाज़ा लगया हर किसी ने,
पर अकेले में रात भर रोई है ये आँखे
मेरा वो गम देखा नही किसी ने....

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16 JUL 2019 AT 12:03

वक्त कुछ स्याह है तो क्या
तुम डरो नही,
उससे नज़रे मिलते रहो,
पतझड़ आया है जिंदगी में तो क्या
सावन की आस जगाते रहो,
गीत ख़ुशी के गाते रहो...☺️

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28 FEB 2021 AT 21:43

तेरे जाने पर भी💔 जिंदा हैं हम
लेकिन तेरी तलाश खत्म नही होती,
खुशी हर बहाने से आती है नजदीक
फिर भी उदासी कम नही होती..😔

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13 AUG 2019 AT 22:56

झूठ है सब लगता
रुठ ये जब दिल जाता
क्या कहें हम नई बाता
बैठ हारे हम हमसे क्या खता
दुनिया का क्या है खुद ना पता
बेबस मन अब किसीसे जोडे नाता

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2 MAY 2020 AT 15:20

लॉकडाउन पे लॉकडाउन
बढ़ता ही जा रहा है
घर के बाहर न जाना क्वारनटाइन
पुलिसवालेे धो रहे हैं
टीव्ही देखते, मोबाईल खेलते गुजारना दिन
कोरोना को हराना हैं
कब तक चलेगा घर का राशन
सरकार को ध्यान देना हैं
क्या पेट की आग बुझाएगा भाषण
बिछाना भी अब उबक गया है
माना की जरूरी हैं निर्णय इसी क्षण
क्या मजदूर कोई हक नही, पैदल चलके गाँव जाना हैं
अमीरों की आवाज जल्द सुनाई पड़ती , क्या है अनबन
ये मेरे भारत देश कैसी विडंबना हैं

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