✍️"मेरा देश एवं अमर शहीद"
अनगिनत बलिदानों से बन पाया था स्वतंत्र मेरा देश,
जो इतिहास लिख गया जिसमें ज़िक्र है पूरा परिवेश।
हाँ, वो चले गए दुनिया से अमर हैं अब यादें जो बन गए।
पता न रहा कुछ का ठिकाना न जाने कहाँ वे दफन गए।
सलाम उनको दिल से बड़ी शिद्दत से दे दें तो भी कम है,
वाकिफ़ जो हैं उनके बलिदान से वो जो कितने अहम हैं।
न भूली जा सकेंगी उनकी गाथाएं वो यादें साथ हरदम हैं।
जितना सोचें उस जमाने को क्या बताएँ उतना ही कम है।
तहेदिल से उनके अमूल्य कुर्बानी उनके कोशिशों को सलाम है।
उसने ही किया हमारे लिए इस स्वतंत्रता का पुख्ता इंतजाम है।
समझ आता है उन दिनों का माहौल, जैसे स्वप्न आया हो मुझे।
सोचता हूँ तो गर्व होता है जैसे उन शहीदों ने ये बताया हो मुझे।-
"अमर शहीद"
बड़ी भारी कीमत चुकाई माटी के दीवानों ने।
सहर्ष सर्वस्व कुर्बान किया अलबेले मस्तानों ने।
कैसे भूले उनकी शहादत हमको जीवन दान दिया
फख्र से जीने का जग में ये हक और वरदान दिया
जिए देश के लिए वे मानी, मर मिटे देश की शान में।
वंदेमातरम कहते कहते, शूली चढ़ गए अपनी आन में।
तिरंगा न कभी झुकने पाए, सरपरस्ती मंजूर है।
एक एक कतरा बहा दिया,गुलामी नामंजूर है।
ऐसे वीर सपूत हैं भारत के, है मिसाल जांबाज़ वे।
शत शत नमन हर देशवासी का, भगतसिंह सुभाष वे।
मरते नहीं वे वीर सिपाही,सोने से चमकते इतिहास में।
अमर शहीद वे आज जी रहे जन-जन के मानस में ।
एक एक देशवासी जबतक न दिल से मुस्कुरायेगा
आजादी अधूरी है, बलिदान शहीदों का व्यर्थ होगा।
"सुधा गोयल"-
पिता का आशीष लेके युद्ध मे मैं जा रहा था
कह रहा था शत्रुओ को पीट कर आऊंगा
तिलक लगाके जो बहन ने किया विदा था
कह रहा था स्वानो को घसीट कर आऊंगा
माताजी ने माथा चुम पुरखो की लाज मांगी
कह रहा था शौर्य को अमिट कर आऊंगा
भाई ने गले लगाके जीत की खबर मांगी
कह रहा था सीमा पार तिरंगा फहराउंगा
जीत तो गया था मैं विजय की रथ माँगी
पर किसको पता था एक वचन चूक जाऊंगा
पत्नि ने वचन मांगा तुम्हे वापस आना है जी
पर किसे पता था तिरंगा लपेट घर आऊंगा
#शत_शत_नमन
#अमर_शहीद
#राजेन्द्र_सिंग
#कवि_तुषारजयहिंद-
सीमा पर लड़ते सैनिक को,
मत जोड़ो तुम राजनीति से।
वो भारत माँ के बेटे हैं,
लड़ते पूरे तन-मन-धन से।।
वो होते यदि राजनीति से,
बाम्हन-बनिया-ठाकुर करते।
वो होते यदि राजनीति से,
हिन्दू-मुस्लिम पर ही लड़ते।।
लेकिन वह तो तान के सीना,
देश के दुश्मन से लड़ते हैं।
माँ की रक्षा की खातिर वह,
हर पल जीते न मरते हैं।।
हिंदुस्तानी सैनिक प्यारे,
अमर रहे हैं-अमर रहेंगे।
देश से धोखा करने वाले,
नहीं बचे हैं–नहीं बचेंगे।।
चीनी–शक्कर पाकिस्तानी,
पढ़ लो कुछ इतिहास कहानी।
कान खोलकर फिर से सुन लो,
अमर रहेंगे हिंदुस्तानी।।-
*अमर शहीद*
आपकी शहादत को,
भुला नहीं सकेंगें हम,,
खाकी वर्दी में आप,
देश की शान बढ़ाते हैं,,
मान सम्मान और प्यार,
सब का पाते हैं, पर
घर परिवार को भूल,
आप सरहदों में जाते हैं,
निश्चिंत होकर रह सके सब,
इसलिए अपनी ड्यूटी निभाते हैं,
सरज़मीं से अपना प्यार जताते है,
दुश्मनों का सीना चीर सबक उनको सीखते हैं,,
सौ सौ को मार कर,
फिर खुद भी वो मर जाते हैं,,
भारत माँ की रक्षा में,
अपनी जान गवाते हैं,,
तिरंगे की शान बढ़ाते हैं,
उसमें लिपट के आते हैं,,
हर भारतवासी के दिल मे,
अमर वो हो जाते हैं,,,,
वो ख़ुद तो जिंदा नहीं आते,
लेकिन ज़हन की गहराई में,
अपनी शहादत ज़िंदा कर जाते हैं,
हर देशवासी के मन मे देशभक्ति जगा जाते हैं,,,,,
नमन उन अमर शहीदों को
स्वतंत्रता की ख़ातिर
हमसे जो दूर हुए,,,,
ह्रदय में रहेंगे वो,
जो भारत माँ की रक्षा में शहीद हुए,,,
Happy Independence day
जय हिन्द, जय भारत🇮🇳-
आजादी का ये कैसा,
मतलब तुमने जाना है।
सिर्फ अपनी स्वार्थसिद्धि,
को ही तुमने आजादी माना है।
भारत की इस आजादी में,
कितनों ने मृत्यु वरण किया।
कितनों ने अपना घर छोड़ा,
कितनों ने जीवन-मरण किया।
अनगिनत अनाम शहीद,
हुए आजादी के मतवाले थे।
भारतमाता की पुकार,
पर वो कब रुकने वाले थे।
जलियांवाला बाग कांड के शहीदों को पुण्यतिथि पर अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
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हम विदेशी कंपनियों को आमंत्रित कर
देश के अमर शहीदों की याद में
देश भक्ति गीत नहीं गा सकते
ढकोसला कर सकते हैं-
लड़ता रहा वो
अपने वतन के लिए।
तिरंगा साथ था लिए,
अपने कफ़न के लिए।
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