कुछ थी तुम किस्मत में, कुछ थी तुम लकीरों में,
जब से तुम मिली हो मुझे, तब मैं मुकम्मल हुआ!
थोड़ी ख़्वाहिश मुझे थी, थोड़ी तलाश तुझे भी थी,
जिस मोड़ पर हम मिले, वो हमारा ठिकाना हुआ!
कंही कुछ तुमने भी कहा, कंही कुछ मेने भी सुना,
मिले जब अल्फ़ाज़ हमारे, प्यार का किस्सा हुआ!
कुछ मन्नत तू ने की, कुछ दर दर इबादत मैने भी की,
जब हुई दुआ कुबूल, फिर ये हसीन अफसाना हुआ!
कुछ ख़्वाब तू ने देखे, कुछ वैसी हसरतें मेरी भी थी,
कुदरत ने जब हामी भरी, तब हमारा मिलन हुआ!
कुछ मिले है इस जिंदगी में, बाकी मिलेंगे फिर कभी,
जब बनोगी चाँद आसमाँ का, तब मैं सितारा हुआ!
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