QUOTES ON #अधिकार

#अधिकार quotes

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7 APR 2019 AT 15:42



बराबरी के अधिकार की लड़ाईयों में स्त्रियों की एड़ियां घिस गयीं ,



और महिला आरक्षण ने सब गुण- गोबर कर दिया।

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26 JUN 2020 AT 10:31

"कोई वादा नहीं ,
फिर भी दिल में प्यार है
इतनी दूरियों के बावजूद भी
मेरे दिल पर तेरा अधिकार है"

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3 JUL 2020 AT 20:53

मानव अधिकारों की
बात करते हो तुम!
हाँ बहुत सभ्य समाज मे रहते हैं
हम....!!
अधिकारो की बात होती हैं!

जहाँ इंसान को अधिकार दिये
किसी ओर की जिदंगी के

क्या ?

किस अधिकार मे हैं हम

कम से कम जिदंगी का अधिकार
तो उनका भी होता होगा?

खामोश एक सन्नाटा
खैर वही अधिकार

इंसान हैं हम हमारा अधिकार


पर खुन तो वो भी लाल होता हैं
हाँ वो खून भी " खून " होता हैं

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25 JAN 2021 AT 12:48

कौन कहता है लड़के नाजुक नहीं होते
पर इस लफ्ज़ पे हमारा अधिकार नही ।

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26 DEC 2020 AT 8:40

वो जिसे तेरी चाहत बेशुमार है
यकीनन वो व्यापार है

कल तुमसे कहा था
आज तेरी सहेली से प्यार है

वो हर दिन नए को जानता है
उसे बस जिस्मों का खुमार है

वो जो भी बताया है उसका
सब उसका झूठा संसार है

मैं दोस्त के नाते सच बता रहा हूं
बाकी तुम पर तुम्हारा पूरा अधिकार है

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25 MAY 2021 AT 8:30

ये
बिंदिया, चूड़ी, कंगन
ये श्रृंगार मंगलसूत्र,
सिंदूर देख मन में
आसक्ति निर्माण होती
इन्हें धारण करने की....

बशर्ते
मेरे श्रृंगार पर केवल
तुम्हारा नाम और मुझपर
तुम्हारा अधिकार हो!

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29 MAY 2021 AT 22:41

"चरित्रहीन"

अगर चरित्रहीन स्त्री को आप अपनी पत्नी नहीं बना सकते
तो यह उम्मीद कैसे कर सकते हैं कि.....
कोई स्त्री किसी "चरित्रहीन पुरुष" को अपने पति परमेश्वर के
रूप में स्वीकार करेगी??

"
"
हम स्त्रियाँ भी किसी चरित्रहीन पुरुष को,
कभी नहीं स्वीकार सकतीं कदापि! नहीं।।

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11 SEP 2020 AT 8:21

हुक़ुक़ -- अधिकार (Rights)
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चार दीवारी से एक कदम बाहर रखते ही,
हज़ारों सवाल पूछ लिए जाते हैं,
मगर हाँ हमारे हुक़ुक़ बराबर है..!!
बात आए अगर साथ मिलकर घर चलाने की,
तो इनके आत्मसम्मान को ठेस पहुँचती है,
मगर हाँ हमारे हुक़ुक़ बराबर है..!!
सिर से पल्लू थोड़ा सा खिसकते ही,
नजरें जरा सी ऊपर उठते ही,
हमें बदचलन करार कर दिया जाता है,
मगर हाँ हमारे हुक़ुक़ बराबर है..!!
अरे अब बस भी करो भईया,
ये Equality का जमाना है,
ये सब बस कहने का फसाना है,
छीनकर हुक़ुक़ किसी की बहन बेटी से,
इन्हें तो समाज में आत्मसम्मान कमाना है..!!

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30 NOV 2020 AT 12:38

पुरुषों को "दुख में विलाप करने" का नहीं,
"क्रोध में चिल्लाने" का अधिकार देता है
हमारा समाज...!!!

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12 OCT 2020 AT 23:20

विवाह जिसे मै कहती हूं
सिर्फ हाड़ मांस का मिलन
जहां कुछ कर्मकांड से
खरीदी जाती है स्त्री
और किया जाता है अधिकार
उसके तन के साथ उसके मन पर !

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