अजनबी ही रहने दे मुझे...
अपने अक्सर पराये हो जाते हैं ।।
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एक अजनबी यूँ मिला मुझे
मेरी पहचान बन गया
रिश्ता कहाँ कोई था उससे
मुझसे मिला, मेरी जान बन गया
घुलता रहा वो इस क़दर मुझमें
फ़ीकी ज़िन्दगी की मुस्कान बन गया
कुछ अधूरा सा बाक़ी था मुझमें
सूनी ज़िन्दगी में लोबान बन गया !-
बनके अजनबी मिले थे ज़िन्दगी के सफर में
अब नजाने कहां खो गए इन यादों के शहर में
😶
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हमें रिश्ता निभाना था और उन्हें हमें छोड़ कर जाने की जल्दी थी कुछ यूं था हमारा रिश्ता मैं घंटों इंतजार किया करती थी उनका मजाल जो उन्होंने हमारा इंतजार खत्म किया हो हम एक रिश्ते में होते हुए भी एक साथ नहीं थे कुछ यूं था हमारा रिश्ता एक साथ होते हुए भी अजनबी से थे हम कहने को बहुत कुछ हुआ करता था लेकिन सुनने को कोई नहीं कुछ यूं था हमारा रिश्ता आंखों में कई ख्वाब थे एक दूसरे को लेकर पर शायद उन्हें पूरा करने की हिम्मत ना थी दोनों में कुछ नहीं था हमारा रिश्ता वक्त तो था पास पर उन्हें बिताने के लिए साथ कोई न था कुछ यूं था हमारा रिश्ता.. 💔
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सुकून मिलता है,
उस इंसान से बातें करके,,,
जो अजनबी तो है,
फिर भी दिल के करीब है...-
वो मेरा हो ना सका तो मैं बुरा क्यु मानू
उसको हक्क है वो जिसे चाहे उसे प्यार करे
ग़म के जिस मोड़ पे वो ला कर मुझे छोड़ गए
मैं उसी मोड़ की दहलीज़ पर सो जाऊँगा
खोल कर आँख ना कभी देखूँगा उसकी तरफ
हश्र तक उसके लिए अजनबी हो जाऊँगा
❤️ "Radha" ❤️-
तेरी यादो का तो बसेरा है मुझमें
कभी तुम भी आजाना वक़्त रोक कर मिलने
अनजान से जान तक का सफ़र तो नाप आये हम
पर रहना होगा यहाँ अजनबी बन कर फिरसे-
उसके नाम से बेवजह मुस्कुराया है,
एक अजनबी को हमने अज़ीज़ बनाया है।-
मै उस पंछी सा हूँ
जो सागर के
बीच मे उड़ तो
रहा हूँ पर ना कोई
किनारा है ना कोई
सहारा है-