Annu Radha   (Anuradha)
967 Followers · 79 Following

Eternal Beauty
Love to smile
M in love with rain..
Joined 16 September 2018


Eternal Beauty
Love to smile
M in love with rain..
Joined 16 September 2018
17 JUN 2022 AT 23:13

वो शब्द मैंने पहने कानों में झुमकों की तरह
तुम्हारे इंतज़ार में... वो बजते हैं घंटियों जैसे

तुमने कहा था कि तुम लौटोगे मेरी ओर
वो शब्द बंधे हैं मन में.. मन्नत के धागों जैसे

उन शब्दों को समेटे बैठी हूँ कि तुम आओगे
उन्हें गले में पहनती हूँ किसी ताबीज जैसे

-


16 JUN 2022 AT 14:29

तेरे प्यार में सब मौसम मनभावन है
उष्णता ओढ़े गर्मियाँ या
शीत पहने हुए सर्दियां
दोनो ही सरस सुगंधित सा सावन है
तेरे प्यार में सब मौसम मनभावन है

-


5 JUN 2022 AT 14:50

विश्व पर्यावरण दिवस पर पर्यावरण का मानव मात्र से एक निवेदन...

हे मानव !
हरे भरे आँचल को मेरे
नितप्रति तुमने जीर्ण किया
प्राण वायु को तुमने ही
प्रतिपल विदीर्ण किया
मेरे गहन अरण्यों को
तुमने वृक्ष विहीन किया
मैं नभ हूँ मैं घन हूँ
मैं संपदा मैं ही धन हूँ
मैं सूरज मैं ही जल हूँ
मैं श्वास मैं ही जीवन हूँ
हृदय तुम मैं स्पंदन हूँ
मैं आज और मैं ही कल हूँ
मैं अक्षुण्ण हूँ मैं अटल हूँ
मेरे होने से तेरा होना तय है
वरना ...निःसंदेह प्रलय है ।

-


1 JUN 2022 AT 9:34

ग़म तमाम अपना...अपने सीने में छुपा के
वो शख़्स हँसता रहा बेवाक ठहाके लगा के

हम इस भ्रम में ही जीते रहे कि वो ख़ुश है बहुत
अब जाना है कि हँसने और ख़ुश रहने में फ़र्क़ है बहुत

मेरे दुख सारे उन बाहों में फ़ना हो जाते हैं
ख़ैरियत पूछिये ना...एक बार गले लगा के

-


25 MAY 2022 AT 10:19

मन को स्तब्ध कर जाती हैं
इंतज़ार के बाद की मायूसी
नितांत ख़ालीपन दे जाती है

-


2 APR 2022 AT 21:17

दुआएँ आपकी क़ुबूल हो..ये सोच कर
अपने हाथ...हम दुआ में उठाएंगे
फ़ासलों को भी मुहब्बत से निभाएंगे
दूर ही से आपकी ईद में शरीक़ हो जाएंगे

-


8 MAR 2022 AT 15:09

छोटी छोटी अंजलि से जहां भर स्नेह लुटाती हैं औरतें
मुट्ठी भर के दिल से बेपनाह मुहब्बत कर जाती हैं औरतें

तितलियों से पंख..इंद्रधनुष से रंग चुराती हैं औरतें
एक शब्द "धरा" से परिभाषित हो जाती हैं औरतें

टूटे गर कभी एक आँसू में भी सिमट जाती हैं औरतें
और कभी बिखरे तो...क़ायनात बन जाती हैं औरतें

-


30 JAN 2022 AT 12:17

कभी चाहा जहाँ सारा, कभी मुठ्ठी भर आसमां
वो ज़माना और था...ये ज़माना और है !!

ग़ज़ल मुक़म्मल की गई है अनुशीर्षक में ❤️— % &

-


12 DEC 2021 AT 22:29

झुकाना पलकों को लाज़िम सा हो गया है
कि मेरी आँखें तुम्हारा नाम कहने लगी हैं

इत्र का नाम सब पूछने लगे हैं मुझसे...
ख़ुशबू जो तेरी साँसों में मेरी रहने लगी है

-


14 NOV 2021 AT 10:49

बेवजह ही ख़ुश हो जाना
सीखिए बच्चों से बिन बात मुस्कुराना
गिर कर रोना और हँस कर उठ जाना
सीखिए इनसे हौसला ना हार जाना
एक पल रूठना और दूजे में मान जाना
सीखिए इनसे वापस आना

-


Fetching Annu Radha Quotes