अधरो के मरुस्थल पर पड़ती है जब
मधु सी मधुर प्रेममकरंद की बूंदे
द्विगुणित करती काया की हलचल
गात चंदन सी महक उठी तब
मंद-मंद बोल तेरे श्रुतिपटल तक पहुंचे
मद्धम मधुर संगीत झंकृत हो जैसे
सरगम, धुन , राग , लय ,ताल समेटे
अदृश्य सितार धमनी में बजा हो जैसे
सुदृढ़ बाहुपाश का असीमित घेरा
इच्छाएं ऋतुराज की देखो डाले डेरा
गुदगुदी अब पोर- पोर तक पहुंची
प्रेम छुअन अब तैर गई नस-नस में
तुमसे हूँ मैं अखण्ड सुहागिनी
दो अंजलि भर अपनत्व मुझे
संध्या अनुराग सुहागभरी अब
आओ प्रियवर कर दो संपूर्ण मुझे
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सुनो ! आखिरी सांसे गिन रही हैं तारिकाएं
कि अब बस विश्वास घट डूबने को है
कि थाम लो पतवार आकर भोर की
कि चंचल पवन रुख़ बदलने को है
इस अंतिम निशा की ये अंतिम पहचान हूँ मैं
प्रस्तर शिला पर शुभ छाप कोई छुटने को है
लाल वर्ण है जरुरी नही की प्रेम प्रतीक हो
अखण्ड सौभाग्य किसी का टूटने को है-
मोबाइल में yq यूज करते वक़्त, मैं जानबूझकर हँसता हूं ??
😁
……
ताकि लोगों को लगे मेरा भी कहीं सीन चल रहा हैं.. 😝😎
🙈🙈😝😝😝😂😂😂😂-
अब से मैं yq पर कोई पोस्ट नहीं करने वाला,
थक गया हूं.....!!
दूसरों की गर्लफ्रेंडस को हंसा हंसा के.....🙄🤪🤪
अखंड सिंगल की जुबान से🙇 👆
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सभी को अखण्ड ब्रह्मांड के नायक कृष्ण-कन्हैया के
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं..-
बस एक टूटी फूटी GF मिल जाए फिर Romantic पोस्ट की
बाढ़ ना ला दू तो कहना 😁😂😁
_सुन रहे हो ना your quote वासियों
😝😝😂😂😂😂-
प्रत्येक भव्य इमारत कभी किसी की कल्पना थी,
प्रत्येक बड़ा आदमी कभी रोता हुआ बच्चा था।
अतः यह महत्वपूर्ण नहीं कि आज हम कहाॅं हैं?
महत्वपूर्ण तो यह है कि हम कल कहाॅं पहुॅंचना चाहते हैं?
हमें जीवन में अखण्ड व प्रचण्ड पुरुषार्थ को ऐसे जगाना होगा
कि भगवान् भी फल देने के लिए बाध्य हो जाये।— % &-
#Samrat_Prithviraj_Chauhan_Jayanti
#अजयमेरु का गौरव है, दिल्ली का #अभिमान है।
#शब्दों पर जो बाण चलाए वह #पृथ्वीराज चौहान है।।
#अखण्ड #भारत पर एक ही हिन्दू वीर योद्धा ने शासन किया था .
वह थे महान चक्रवर्ती सम्राट पृथ्वीराज चौहान
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अखण्ड तुम अनादि तुम ,अनंत भी असीम तुम !
परब्रह्म तुम ब्रह्मानंद तुम ,ब्रह्माण्ड के विधाता तुम !!
अविचल हो तुम अविनाशी तुम ,जगत में विश्वव्यापी तुम !
सृष्टि के सृजनहार हो ,सृष्टि के संहारक भी तुम !!
महिमा चिरंजीवी तेरी अखण्ड तेरी साधना !
अनभिज्ञ हैं अबोध हम कैसे करें आराधना !!
💥 स्वीकृति मिश्रा 💥
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