मेरा स्वभाव एक जिद्दी बच्चे की तरह है...
तुम झुकाने के बजाय,कभी प्यार से मना लेते...-
बस लिखना सीख रहा हूं 🙏
"कृपया मेरे लेखों को मेरे व... read more
मैं जीवन की अंतिम यात्रा के उस पत्थर की भांति हूं,
जहां शव को रोक दिया जाता है, कुछ मुसाफिर उस पत्थर पर बैठ जाते हैं...
तुम्हे बस यही देखना था न... कि मुसाफिर उस पर बैठते क्यों है..-
वो जो जिंदगी है ना मेरी...
शायद है ही नहीं मेरी जिंदगी में...
🙏🏾🥺🙃🙏-
फिक्र न कर पगले,तेरे खुशी का रास्ता ढूंढ लिया है मैंने,
वजह तू नही बनेगा मेरी मौत का,इक ऐसा तरीका चुन लिया है मैंने..
🥺🥺🙏🥺🥺
-
होते होंगे सबके लिए सात सुर.....
मेरे लिए तो सिर्फ एक ही सुर है
'तू' और सिर्फ 'तू'-
"कुछ नहीं"
एक दिन ऐसा आयेगा जब तुम पूछोगे कि क्या हुआ
जवाब मिलेगा "कुछ नहीं"
ये "कुछ नहीं" का मतलब तुम समझने का प्रयास अवश्य करना,
शायद इस "कुछ नहीं" में कुछ भी नहीं होगा बताने को
या इस "कुछ नहीं" में इतना कुछ होगा बताने को
कि उस वक्त
क्या क्या बताए, क्या क्या ना बताएं इसी उलझन में "कुछ नहीं" कहकर ही आगे बढ़ जाना ही बेहतर लगेगा।
🙃🙏🙃-
जिस्म मेरा है पर मेरी जां हो तुम...
कैसे बताऊं मेरे लिए क्या हो तुम...
मेरे हर अक्श में हो तुम,मेरे हर लफ्ज़ में हो तुम,
मेरा सुनहरा ख्वाब हो तुम,अंधेरी राहों के चिराग हो तुम!
कैसे बताऊं मेरी फिक्र हो तुम मेरा प्यार हो तुम;
कैसे बताऊं मेरी जिंदगी हो तुम मेरा संसार हो तुम!!
तुम्ही मेरी निष्ठा हो, तुम्ही मेरा सौभाग्य हो,
तुम्ही मेरा अभिमान हो,तुम्ही सुंदर भाग्य हो!
कैसे बताऊं मेरी खुशी हो मेरा उल्लास हो;
कैसे बताऊं मेरी हर ख्वाहिश हो मेरा विश्वास हो!!
मेरे हर इबादत में तुम हो, मेरी हर चाहत में तुम हो,
मेरे हर फरियाद में तुम हो, मेरे हर आदत में तुम हो!
कैसे बताऊं वरदान हो तुम मेरे जीवन की;
कैसे बताऊं पूर्णिमा की चांद हो मेरे इस अंधेरे रण की!!
मेरे हर गीत में तुम हो मेरी हर कहानी में तुम हो,
आंखों का सुकून, मेरे मुस्कान की निशानी में तुम हो!
कैसे बताऊं तुम करुणा का सागर,प्रेम की मूरत हो;
कैसे बताऊं तुम मोहब्बत मेरी तुम्ही मेरी जरूरत हो!!-
"कह दो "
कह दो कि तुम ही मेरी मंजिल हो,
बहते पतवार के तुम ही मेरे साहिल हो!
कह दो कि तेरे हर एक सांस की खुशबू हूं मैं;
तेरे सारे अरमानों की इकलौती आरजू हूं मैं!!
कह दो कि मेरे दिल की धड़कन में तुम हो,
मेरे थरथराते होठों के कंपन में तुम हो!
कह दो कि तेरे हर सवालों के जवाब में हूं मैं;
तेरे लिखे हुए हर एक किताब में हूं मैं!!
तुम कहना कि मेरे तकदीर में तुम हो,
मेरे हाथो की मेहंदी के हर एक लकीर में तुम हो!
कह भी दो तेरी संगिनी तेरी रागिनी हूं मैं;
कहना तू मेरा चांद तेरी चांदनी हूं मैं!!
कह दो कि मेरी उम्मीद में तुम हो,
मेरे जगते सोते मेरी नींद में भी तुम हो!
कह देना के तुम बिन अधूरी हूं मैं;
चलो अब सरेआम कह दो कि सिर्फ तेरी हूं मैं!!-