सिंध हिन्द का क्या रोचक मेल था ,
पर यह विभाजन का किसका खेल था।
इतिहास पढ़ा तो ,ये अखंड था ,
पर वर्तमान भौगौलिक में तो खंड खंड था।
चलो मिल कर एक सपना देखें ,
सिंध हिन्द को अपना देखें।
सिंध में भी हिंद देखें ,
हिन्द में भी सिंध देखें ....!!
🇮🇳जय हिन्द 🙏 जय भारत🇮🇳-
ग़र संकट वतन पर आई तो ना हिन्दू होगा , ना मुसलमान होगा..
माँ भारती के रक्षा में अखण्ड हिंदुस्तान होगा ...
जो आपस में लड़ता है वो भी उस दिन परेशान होगा ..
उनके लहू के कतरे-कतरे में हिंदुस्तान होगा..
ना बाईबिल , ना गीता और ना ही कुरान होगा ..
धर्मनीति की पाठ पढ़ाता हमारा संविधान होगा..
जब गरज हमारी गूंजेगी तो मूर्ति भी चालयमान होगा..
हर कीमत पर माँ भारती का अमिट सम्मान होगा..
सरहदों की हदें बढ़ी तो ना हिन्दू होगा ना मुसलमान होगा..
सैनिको से कदम मिलाता हर युवा क़ुर्बान होगा..
ऐ गद्दारों तुम्हारी हर कोशिश नाक़ाम होगा ..
माँ भारती के रक्षा में अखण्ड हिंदुस्तान होगा...
【 अखण्ड भारत ° स्वतन्त्र भारत 】-
70 सालों में जो सोच न पाए , वो इसने आकर ठानी है
क्या कोर कसर...!!!
क्या कोर कसर छोड़ी थी, भारत माँ की नीलामी में.!!
अभी तो ये आगाज़ है बस-२
70 सालो में जो हो न पाया,अभी होना वो बाकी है।
धीरे-धीरे कर सभी को अपने से जोड़ा है..!!
तुम्हारे गलत मंसूबो को जनता के सामने खोला है।
तुम्ही नही चाहते देश मे चारों तरफ अमन- शांति हो.!!
70 सालो में जो हो न पाया,अभी होना वो बाकी है।-
मिली राम को आज अयोध्या, सब लोक 'हर्ष' संचार हुआ
इस रामायण के अन्त कांड का, आज पूर्ण अवसान हुआ!-
है लोकतंत्र और लोकमत भी
तो क्यों न अब तैयारी हो
है राष्ट्र एक और मत भी एक
तो क्यों न सब पर भारी हो
है स्वतंत्र और गणतंत्र भी
तो क्यों ना हम बलशाली हो
ना तू अलग! ना मै अलग!
तो क्यों फिर घाटी खाली हो
ना हो पंगा पैंतीस पर
ना हो दंगा '70 पर
जिस ओर उठे वो नज़र तेरी
हर ओर तिरंगा हो सर पर
ना तू खास! ना मैं आम!
तो क्यों ना हिंदुस्तानी हो।।
#अखण्ड भारत-
माँ भारती की गौरव गाथा हम चारों ओर फैलाएंगे,
धर्म, मजहब का भेद मिटाकर मानवता को अपनाएंगे।
आपस में मिल-जुलकर हम प्रेम भाव दर्शाएंगे,
अपना कर्तव्य निभाकर, श्रेष्ठ भारत बनाएंगे।।
गिलगित से गारो पर्वत तक हम तिरंगा लहराएंगे,
करते हैं शपथ खण्डित भारत को पुनः अखण्ड बनाएंगे।।।-
तुम वीर पुत्र हो इस धरती के
मान कभी ना कम होने देना..
बहा के लहू तुम अपना
लाज सदा ही इसकी रखना...
देखे जो कोई आंँख उठा के
हिम्मत ना इतनी रहने देना..
दाग़ के गोली उसके सीने में
तुम सदा ही विजयी होना...-
एक राष्ट्र एक लक्ष्य हो,
चाहे कोई आपदा समक्ष हो,
क्या राज्य क्या राजधानी
हर एक दिल देश के पक्ष हो।
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माँ भवानी हिंगलाज देवी का मंदिर भी हमारा है...
वो जो भूला दिया गया राजा दाहिर भी हमारा है...
उस कण कण पे गिरने वाला शोणित भी हमारा है...
गुरू की आशीष वो करतारपुर 'साहिब' भी हमारा है...-