सोचते हैं खरीद लेंगे हम सबकुछ पैसों के दम से,
ये हमारा वहम ही हमे कंगाल बना के जायेगा..-
तरुण मिश्रा
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Joined 2 April 2017
5 JUL 2022 AT 10:23
2 OCT 2021 AT 20:01
जिस देश में लोग अपने 'राष्ट्रपिता' को गाली दे पा रहे हैं वो देश है भारत,
क्या इससे अच्छा भारत बना देते नाथूराम गोडसे ?-
7 SEP 2021 AT 18:31
कुछ लोग थे शायद, जिन्हें सम्हालना था उसे
वरना किसी अपने के गुजरने पर 'आँसू ' रोकता कौन है-
3 AUG 2021 AT 22:25
वो जानता है घर से टपकेगा पानी मगर
पर अपनी फसल के लिये ,बारिश की भी दुआ मांगता है
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30 JUL 2021 AT 20:44
तुम्हारा किरदार था वैसा, वरना, हमने कभी किया नहीं था
कि हम जुदा होके किसी से ,फिर मन्नतें माँगे उसी की-
9 JUL 2021 AT 10:18
मकसद तो हो जीने के लिये भी कोई
वरना मरने की वजह तो यहाँ हजारों हैं-
12 JUN 2021 AT 9:30
इश्क़ मुहब्बत की बातें ,वही किया करते हैं
जिनको फिक्र 'कल की रोटी' की, होती नहीं है !-
6 JUN 2021 AT 19:47
कितने रिश्तें तोड़ोगे अपनों को खराब बताकर,
कभी खुद पे भी नजर अपनी मारो तो सही !
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26 MAY 2021 AT 10:56
कुछ तजुर्बे रहें हैं बुरे मगर
पर ज़िन्दगी..... आज भी तू खूबसूरत वही है-