माँ जैसी किसी दूसरे में बात नहीं,
माँ पर कुछ लिख सकूं, उतनी मेरी औकात नहीं।
माँ को जितना मैं जान पाया,
कभी शब्दों में उसे कह न पाया
चरणों में जन्नत बसाने वाली,
जो देती हैं आंचल की छाया
हर वक्त दुआएं देने वाली, ऐसी देवी का कैसे करूं मैं गुणगान
जिनकी ममता के आगे, खुद नतमस्तक हो चुके हैं भगवान
डांट -फटकार प्यार व ममता से सींचने वाली, मेरी माता को है मेरा प्रणाम
एक तरफ ये जग सारा, दूसरी तरफ एक अकेली मैया मेरी है सबसे महान ।।-
इन शरारतों से एक नटखट बच्चे लगते हो
मस्तीखोर के साथ साथ एकदम सच्चे लगते हो
आसमां में इतने तारों के बीच जैसे एक ही चांद
बिना श्रृंगार के भी तुम, हंसते हुए अच्छे लगते हो ।।-
अपना अपना मंजिल लिए,
सभी एक दूजे से बेखबर है
कभी कांटे तो कभी फूल राह में
बस यही सब का हमसफर है ।।-
हर तरफ फैली जो चांद की चांदनी है
ये रात कितनी सुहानी है।
आश लिए, उम्मीदों से भरे, सपने संजोए मेरा मन
गा रहा इसे जैसे, ये कोई रागिनी है।।
लिखे गए हैं कइयों द्वारा
होती ये अंधेरी और भयावनी है
पर देख तारों को चमकते अंधेरे में भी
उठता सीने में लहर भी तूफानी है
अरे, ये अंधेरी -वंधेरी, ये काली -मतवाली
होती होगी ये डरावनी भी
पर सपने दिखाकर, खुद को खुद से मिलाकर
सिखाती ये भी कि तारों की तरह कुछ न कुछ तो कर जानी है।।।-
The ground is wet, the sky is gray
I came out of my room
But no-one can stay
It's sounding like a boom.
So it's winter in my mind
Shivering & snowy but not so kind.
Everyone in blanket as north wind blow
A season of cold that all buddy know .
Slow creep the days & slow creep the nights
All in their houses but avoid all the fights
Couples get the best time to carry their romance
Yeah ! Its winter !! Have this great chance...
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कुछ बातें अगर बिन कहे ही समझ लो तो अच्छा है
जो भी समझो, बस लगे कि वो केवल सच्चा है
ज़रूरी नहीं हर किसी को हर बात बताया ही जाए
सबके सामने अनजान बनकर ही रहें तो अच्छा है।।-
नए साल में फिर से कुछ नया करने का इरादा है
नई उमंगे, नए उत्साह लिए नए तरीके से बढ़ने का वादा है
संभलकर, पिछली गलतियों से सीखकर जरूरत है फिर से प्रयास की
क्योंकि जो चाहिए उसका अभी तक प्राप्त हुआ भी न आधा है।।-
तेरी हर हकीकत से रूबरू हो गया हूं मैं,
फिर ये पर्दा किस बात की है ?
क्यों यहां आकर दिखावा करना,
जब साथी तू कईयों की है!!?— % &-
इस तंत्र में हर गण की भागीदारी हो,
जहां व्यवस्था सभी कल्याणकारी हो
ये देश है हमारा, रखें गौरव इसका कैसे
ये जन गण मन की जिम्मेदारी हो।।— % &-
जीवन में शिक्षक एक ख़ास भूमिका अदा करते हैं। वे हमारे जीवन रूपी नाटक में बैकग्राउंड म्यूजिक की भूमिका निभाते हैं जिनके बिना नाटक में जान नहीं होता।शिक्षक हमारे जीवन में ऐसे व्यक्तित्व होते हैं जो अपनी समस्या भूलकर हमारा भविष्य सँवारने में अपना सर्वश्व न्यौछावर कर देते हैं।
हमारी सनातन संस्कृति में गुरु-शिष्य संबंध तो एक परपंरा रही है जो इतिहास के विभिन पन्नों में दर्ज हैं।उदाहरण के लिए अगर आधुनिक इतिहास को ही देखें तो डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन, स्वामी विवेकानंद जी, सावित्री बाई फुले, महर्षि दयानंद सरस्वती, पं मदन मोहन मालवीय जी सहित अन्य कई शिक्षकों के लिए मिशाल हैं।
पाठ्यक्रम पढ़ाने के अलावे भी जीवन के कई अन्य पहलुओं के बारे में हमें किसी न किसी से सीख मिलती ही रहती हैं।इसके अतिरिक्त वर्तमान समय में हमारे डॉक्टर्स, नर्स जिन्होंने सिखलाया कि भगवान यहीं हमारे बीच ही रहते हैं तथा निस्वार्थ भावना की सिख भी इनसे मिलती हैं।सरहद पर हमारे वीर जवान हो या विभिन्न हिस्सों में पुलिस के जवान सभी हमें त्याग क्या होता है, इसकी सीख देते रहते हैं या फिर गली मोहल्लों में सफाई कर्मी वे भी बताते हैं कि कोई काम बड़ा या छोटा नहीं होता।यानी हमारे जीवन में उपस्थित सभी चीजें चाहे सजीव या निर्जीव कुछ न कुछ सीख देते ही हैं।
I ma grateful to all my teachers for teaching me subjects as well as the lessons of life.-