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तेरे सिवाय किसी और का साथ नहीं चाहिए,
मैं अकेली ही खुश हूं।
ना कोई तुझसे पहले था ना तेरे बाद चाहिए,
मैं अकेली ही खुश हूं।
ना किसी का सहारा ना ऐतबार चाहिए,
मैं अकेली ही खुश हूं।
ना किसी की sympathy ना प्यार चाहिए,
मैं अकेली ही खुश हूं।
ना कोई भरोसा करने वाला ना जताने वाला चाहिए,
मैं अकेली ही खुश हूं।
और, बहुत हो गया ये इश्क़ में झुकना,
अब मैं जैसी हूं, अकेली ही बहुत खुश हूं।
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