दूसरों कि सोच कितनी भी घटिया
और नपाक़् क्यों ना हो
फर्क नहीं पड़ना चाहिए.....!
बस अपना किरदार मजबूत
और रूह पाक़् होनी चाहिए....!!!-
कोई लड़की किसी पोस्ट को लाईक या कमेंट करती है तो आपके पोस्ट को करती है ना कि आपको.. आपने कैसा लिखा कमेंट के जरिए अपने विचार बताती है ना कि वो आपको अपना दिल दे बैठी हैं कोई लड़की किसी लड़के से बात करती है तो उसका ये मतलब नहीं उसके बीच में कुछ है ये समझना बहुत जरुरी है..गलतफहमी से बाहर निकलना बहुत जरुरी हैं अपनी सोच बदलने की जरूरत है..कोई आपके सारे पोस्ट लाइक करती है तो इसका ये मतलब नहीं की वो आपसे प्यार करने लगी है ये भी तो हो सकता है उसे पढ़ना पसंद हो.. लडका हो या लड़की सोच अच्छे बनाए.. सबसे पहले अपनी सोच को अच्छा करना जरूरी है..
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फिर से मुलाक़ात हो जाए।
ओ अंजान सा चेहरा एक बार फिर दिख जाए।
बस शर्ते ये है,
के मैं मरीज बनके आउ, तू मुझे दवा दे जाए।-
सोचने में क्या जाता है
किसी के लिऐ हम ख़ुद से ज्यादा सोच लेते हैं..
जिसके लिऐ हम ज्यादा जरूरी नहीं होते...
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कमी मेरे प्यार में नही
कमी उनकी सोच मे थी
उन्होंने ही हमारे लिए
गलत ख्यालात रखे थे-
हम एक ऐसे दौर से गुजर रहे है...
जहां लोग इंसानों से ज्यादा,
इंसानों के द्वारा बनाए गए वस्तुओं से प्रेम कर रहे है!
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बुहारना
कितना कुछ
बुहार दिया
कभी घर को
कभी छत को
कभी तमाम
गिले-शिकवे को
कभी बेजान जिस्म को
बुहारती रही.......
अपनी सोच को
उफनती भावनाओं को
टूटे हुए हृदय को
बस देखो ना........
सहेज नहीं पाया कोई
बस बुहार-बुहार कर
निस्तेज बेज़ान
बेहाल सी हो गई जिंदगी
बस यूँ ही बुहारती
रही खुद को......।-
दुख तो तब होता है जब जिस वजूद को बनाने में हमने
बरसों लगा दिए और कोई इक झटके में उसपर सवाल उठा दे...
ऐसा लगता है मानो हमने अपनी सारी कमाई हुई पुंजी खो दी...
पर लोगों का क्या किसी को भी चरित्र प्रमाण पत्र दे देते ...
फिर बोलते मज़ाक था यार....!!
पता है ऐसी नही तू...!!
मगर आपको क्या पता दुसरे पर क्या गुजरती है.....
जो आपके लिए मज़ाक है वो किसी का स्वाभिमान हो सकता है.....!!!-
Aksar puchte hai log mujhse ,
kabhi mohabaat ki hai tumne?
Mai sochti hu Tumko or fir,
NAA
keh deti hu!!-