गुरु हैं तो सारा संसार रौशनी से भरा हुआ है
गुरु के बिना सारा संसार अँधेरा ही अंधेरा हैं
हर रूप में गुरू ने हमारा हाथ थामा हैं
भीड़ में भी हाथ पकड़ कर चलना सिखाया हैं
मिट्टी की मूरत बनकर गए विद्यालय
जिसे गुरु ने स्वयं सही रूप में आकार दिया हैं
शुरू हुई काले तख़्ते में स्लेट,बत्ती से लेकर
कागज़ और पेनों में हमे लिखना सिखाया हैं
हौशला की कमी तो पढ़ाई में कमी होती थी
खुद हौसला बनकर साथ खड़े रहे गुरु हैं
अंधेरो की दुनिया मे दीपक की तरह बनकर
हम शिष्यों को दुनिया मे चमकना सिखाया हैं
Shweta
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