आज नहीं साथ मेरे तो क्या हुआ
मेरा वजूद मेरी हस्ती उसी का हिस्सा है।।-
मृत्यु प्रेम तुम्हें:-
मैं सृष्टि की सर्वश्रेष्ठ रचना हूँ,
जैसी आयी थी,वैसी ही जाऊँगी.....
(अनुशीर्षक में पढ़िए)-
Aaj jo tere saamne itna açcha banta hai...
Kll uska tujhse matlab niklega....
Aur parso vo tere se durr khishkega 👍....-
अपने जज़्बात नही लिख पाता
दिल के अनकहे अहसास नही लिख पाता
उठाता तो हूँ कलम लिखने को बहुत कुछ
मगर जानें क्यूँ कुछ ख़ास नही लिख पाता-
कुछ लम्हे जिंदगी मे
शानदार रहते है
यादों की तिज़ोरी की ज़ान रहते है,
बेज़ार मान कर जीते हो
जिन पलों को,
वही इक दिन याद बनके यादगार रहते है।।-
मैं चाह में तेरी जिस जहाॅं जाऊॅंगा , यक-सर जाऊंगा..
मैं मरते वक्त भी ख्वाब तेरा आंखो में भरकर जाऊंगा..
मैं ना रहा तो भी क्या हुआ , कि तेरा दिल बहलाने को..
मैं कुछ पुराने ख़त सिरहाने तेरे , रखकर जाऊंगा..
सोचा था जब भी लौटूंगा घर तुम कसकर गले लगाओगे..
मैं भी सर तुम्हारा चूमूंगा , जब-जब दफ़्तर जाऊंगा..
मैं जो रोना भी चाहूं खुलकर तो तेरी कसमें बांध देती है..
मुझे डर है यूं ही ख़ामोश रहा ग़र , बन पत्थर जाऊंगा..
कुछ ये सोच कर भी तेरा शहर छोड़ा था "नकुल" ने..
तेरी मांग में सिंदूर देखूं और का , तो शायद मर-वर जाऊंगा..
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প্রতি ক্ষনে চায় স্মৃতিরা
ডানা মেলে উড়তে...
প্রত্যাসায় কাঁদে আমার
আজকের এই ক্ষন,
আকাশ ছোঁয়ার বাসনা যে
আজ লুকায় আমার মন...
উড়তে দাও স্মৃতিদের দুহাত মেলে
খুলে দাও আজ ডানার বাঁধন,
কান্না গুলোকে ভুলে হাসিকে
জয়ান্নিত করাই হল জীবন,
লুপ্ত বাসনাকে জাগিয়ে সবকিছু ভুলে
আজ প্রাণ দিয়ে কর আপন ।
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शब्द भी उस अनुभव को बयां नहीं कर सकते,
जब वो सपना वास्तविक रूप में सामने हो
जो हमारी आँखों ने कभी नहीं देखा था💕💓😍
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तू हाथ पकड़ मेरा तेरा हाथ पकड़ कर चलूँगा मैं,
तू खो ना जाये दुनिया की भीड़ में तेरा हाथ कस कर पकड़ लूँगा मैं..-