श्रीमयी   (जंगली गुलाब)
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Joined 2 April 2020


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प्रिय!
तुम्हारी रूक्षता क़े अनुराग़ में
मेरी क़ुद वेदनाएं क्रीड़ाशील हुईं।

स्वयं विज़ड़ित हो तुम
तथापि
अंतहीन क़ालिमा में विचर
इन निराश्रित व्यथाओं क़ो अंग़ीकार क़िया।

और
इस प्रकार मेरी वेदनाओं ने
पाषाणी हृदय से निर्मित अद्भुत विधाता देख़ लिया।

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धूर्त की बड़बड़!

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30 SEP AT 11:45

कभी-कभी
मेरे मनो-मस्तिष्क में
मृत्यु प्राप्ति की प्रवृत्ति
इतना नग्न रूप धर लेती है
कि.....
मेरी देह पर
भयावह प्रहारों के वार भी
कामोत्सव से प्रतीत होते हैं मुझे।

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18 SEP AT 18:06

तमाम तमाशे थे दुनिया में
दिल बहलाने को ग़ालिब

हुआ यूं फ़िर
दुनिया नई बसा अपनी
तमाशा दिखाने लगे

पागलखाना खाली था
नई दुनिया का
तमाशाई तुम्हें बना बैठें

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15 SEP AT 19:12

मुक्त हस्ता,
बीन रही थी स्वर्ग में मुक्ता।

हौले-हौले हंसती
हिल्लोलित मुक्ता पर
झींगुरों का गोलाकार वृत्त,
बिखेरता रहता झलमलाहट।

कारा कुकुर
ढाक,अमलतास
महुआ-मदार की
प्रतीक्षाएं समाप्त हुईं,
सिद्धि की 'रिद्धि' की‌ आज।
अवतरण दिवस अवतरित हुआ
हिल्लोलित रिद्धि का धरा पर इस प्रकार।

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क्या वे
समस्त जन,
दंड के पात्र हैं ??
जो अपनी ही
अभिव्यक्ति शैली के प्रति
भ्रम ग्रसित हैं !!
नहीं..... नहीं
अभिव्यक्ति शैली सदा
सहजता प्रदान करती है।
और सहजता.....सहजता
दंड का प्रावधान कदापि न रखतीं।

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12 SEP AT 20:00

स्वयं से कहा था मैंने :-
(अनुशीर्षक)

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ठहरो न तुम अब
मेरी विक्षिप्तता के निकट
मुझे.....मुझे तुम
मुझसे अधिक विक्षिप्त होते हो प्रतीत!
क्यों,कैसे यह कथन उड़ गया बिन पंखों के अब।
करो ऐसे बोध:-
मुख्यमार्ग पर बिछा यह कोलतारी प्रश्न
पदचिह्नों की भीड़-भाड़ में धंस गया यह अनस्तित्व।
हां.....तो तुम विक्षिप्त हो मुझसे अधिक
नि:संदेह
असंख्य अनुभूतियां बन बौराई कुतिया
नोच-खसोटती हैं तुम्हारी प्रस्तर-सतह सी चैतन्यता।

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अंधेरों के घुंघरू बांध
नृत्य करती है देह तुम्हारी।

चांद-तारे, जुगनू-झींगुर
कह रहें कर-कर जुगाली:-
साश्रुनयन लिए चमकती
स्वर्णिम आभा लिए दमकती
प्रेमिल आवेशालिंगन में लिपटी
है कौन ?
यह श्वेत वर्ण योगिनी !!

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मृतप्राय रहस्य
ड्राअर से निकल
करने लगा
छान-बीन ऑक्सीजन।
ऑक्सीजन का सिलेंडर,
संयुक्त परिवार का था केंद्र।
केंद्र के संदेहास्पद रहते-रहते
परिवार की संयुक्त टहनियां,
शनै: शनै: हो रही थीं विकलांग।
विकलांगता प्रतीक है:-
अनिवार्य अब आत्मीयता न रही।
सुप्त नाड़ी लिए मृतप्राय रहस्य,
ऑक्सीजन का सिलेंडर न खोजें।
मृतप्राय हो अब अमर्त्य,
ऑक्सीजन को ड्राअर में कैद करे।

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