दिल में इश़्क भरा है
इस दिल के कितने ऐहतराम देखे,
रात-दिन इसके बस काम ही देखे
छानकर ऱंजों को सलीके से,
रहता ख़ुद सोने सा खरा है,,,,
निभाता है अपना हर वादा,
ज़िंदगी के हाथों का यह प्यादा
नस-नस में बहता है इसका लाल रंग,
और दुनिया कहती है,यह थोड़ा बुरा है।
धड़कता है तड़पकर -बिखरकर,
मुकरता नहीं बात से अपनी पलटकर
सारा मसला इसी का करा -धरा है,
दिल में बस इश्क़ भरा है।
-