QUOTES ON #YQDIDI

#yqdidi quotes

Trending | Latest
23 SECONDS AGO

तुमने किया करम जैसा जो वो तुम्हे दिखाएगा
सताया आज जिसने खुदा कल उन्हें सताएगा,

जिसने तुम्हे रुलाया वो भी भुगत के जाएगा,
होगा हिसाब किसे खो कर कौन क्या पाएगा,

करम करिशमे का हो या हो दुआ का असर,
जिसकी जैसी भूख जितनी वो उतना खाएगा,

देखने दो दर्द जहां को खुश होकर बेपरवाह,
तुम्हे मिलेगा मर्ज़ तुम्हरा जो किया सो पाएगा।

-



அன்பில் நிறைந்த வரிகளது
அவனுடையது எப்போது
திறந்து படித்தாலும் அழகாய்
மலர்ந்து புன்னகை தரும்........

-


A MINUTE AGO

जैसे एक सौगात था,
माँ बाबा के आशिर्वाद और....
भाई बहनों के प्यार में बसा.... संसार था !

न कोई चिंता ना ही परेशानी सताती थी,
रूखी सूखी खाकर भी.... निंद आती थी !

न थे cell phones और न थी social sites......
हमारा future लगता था bright,
दोस्तों से बिना बात के होती थी fight,
जिंदगी थी जैसे बिल्कुल right

बचपन के दिन जाने कहाँ गुम हो गए,
ढुढंने से भी मिल ना पाएगा,
पर यादों की गलियों में अक्सर...
अक्सर ही टकराएगा !!

-


A MINUTE AGO

पन्नों के बीच किताबों में कहीं
महफूज़ रखा है...संभाला हुआ...
इश्क़ का गुलाब
दिल के एक बेहद क़रीब है वह...
क्यों ना हो...
आख़िर में है वह
एक अधूरा रह गया जो ख़्वाब....

-


A MINUTE AGO

You know.. Love is the most wonderful feeling...
But Love is also the most painful feeling in this word...
It just like the two sides of a coin
No one knows which side will be yours

-


2 MINUTES AGO

थोड़ी देर में लिखेंगे...

-


2 MINUTES AGO

रिश्ते आहिस्ता आहिस्ता खत्म होते है,
एकदम से ये कभी पता नहीं चलता है।
रिश्तों में कड़वाहट रहती जाने कब से,
हमेशा पता हमें दफ़अतन तो लगता है।

-


4 MINUTES AGO

दिल में इश़्क भरा है
इस दिल के कितने ऐहतराम देखे,
रात-दिन इसके बस काम ही देखे
छानकर ऱंजों को सलीके से,
रहता ख़ुद सोने सा खरा है,,,,
निभाता है अपना हर वादा,
ज़िंदगी के हाथों का यह प्यादा
नस-नस में बहता है इसका लाल रंग,
और दुनिया कहती है,यह थोड़ा बुरा है।
धड़कता है तड़पकर -बिखरकर,
मुकरता नहीं बात से अपनी पलटकर
सारा मसला इसी का करा -धरा है,
दिल में बस इश्क़ भरा है।

-


5 MINUTES AGO

उसके मनपसंद ने आज
मेरा मनपसंद छीन लिया

-


5 MINUTES AGO

इस जहां में रखा क्या है
हर पल मुश्किलों का सफर है
सर पर छत
दो समय की रोटी के लिए
इंसान वक्त से लडता बहुत हैं
ख्वाहिशो की पुंछो मत तुम काव्य
यहां तो जरुरतें भी किस्तों में पुरी होने का मसला है
छोड़ आते हैं घर अपना
सपनों के खातिर
मां का आंचल छोड़ते वक्त वो
ना जाने कितनी बार गिली पलकों
को बहने‌ से रोकता है,,,
इक दिन ख्वाब भी पुरे होंगे और मंजिल भी मिलेगा
मगर मसला तो सही वक्त पर मिलने का है,,
आज जो है
कल वो शायद बिता कल हो जाए,,,,,

-