काम पड़ने पर मैने अच्छे–अच्छों को बदलते देखा है,
रिश्ते सड़ने पर मैने अच्छे–अच्छों को दखलते देखा है,
ज़िंदा जीते मर कर मतवालों को मचलते देखा है,
सोच न सके ऐसे से सूरमाओं को भी संभलते देखा है,
लहरों से शांत सागर को ज्वार से बिगड़ते देखा है,
न बूझ सकी लौ को भी तूफानों से फड़कते देखा है,
हो न सके जो चूर पर्वत से घमंड को बिखरते देखा है,
रह न सके सांसों को भी मैने मृत्यु से झगड़ते देखा है।-
Author of "शब्दाकार" 📕
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(Mom-Dad) its al... read more
क्यूं शिक़ायत करूं किसी ग़ैर से,
मेरे अपने दगा दे रहे है,
जो कह न पाए तफ़्सील से भी,
मुझे मेरे रक़ीब कह रहे है,
है ज़माना थोड़ा तंग कुछ
तुमसे भी कुछ मुझसे भी,
हो बेईमान ऐ गरीब ज़रा तू भी
मुझे मेरे शरीफ़ कह रहे है।-
You should be a little careful with yourself,
otherwise your own soul will say,
what have you done for yourself?-
भरोसे पर ज़िंदा रहना और
भरोसे को ज़िंदा रखना
इसी अंतर को ज़िंदगी कहते है।-
जब एक मां,
मां होकर किसी दूसरी मां को
मां की गाली दे तब वह मां,
मां होने का दर्जा खो देती है।-
एक पति-पत्नी अच्छे मित्र हो न हो,
परन्तु एक अच्छे साथी होने चाहिए,
समय रहते अच्छे साथी को ही,
अपना जीवनसाथी बनाना चाहिए।-
I want to really appreciated u as a wife
u are more than a person cz
your determination your
dication it is much more than other wives
today I really feel proud on u and
I will say I am very lucky because
u are my wife i love you jaan.-
किसी गम की तारीफ क्या करें,
किसी मुस्कान की कीमत क्या करें,
कोई दर्द दर्दनाक लगे अगर दिल को,
कोई मरहम लगाने की जुर्रत क्या करें,
आज तो कल के ज़ख्म कुरेद दिए तुमने पर,
कमाए करम दुआ में मेरे-तुम्हारे फैसले क्या करे,
आज तो ख्वाब मेरे कुचल दिए तुमने दूर जाकर,
ना तोड़ पाए हौंसले मेरे-तुम्हारे फासले क्या करे।-
छुप कर जीवन जीना बहुत सरल होता है,
छुप कर भावनाओ को चुप कर सहना सरल होता है,
हर प्रश्नोत्तरी की सफ़ाई से बेबाक बच जाना,
हर अल्फ़ाज़ के खर्चों को बचा लेना सरल होता है,
हां कुछ ख़ामियाजा भी आरोपों का भरना होता है,
बदले में उम्मीद अपनों से छोड़ लेना सरल होता है,
दिखावे रिश्तेदारी इश्तिहारी की नुमाइश से बचना,
छुप-चुप बचना बनावटी बर्बर बातों से सरल होता है।-