Strike for your rightful needs,
not for your wants.-
जिन लोगों ने हमें पक्के मकान दिए
उन्हीं के पास पक्के मकान नही..
वर्ल्ड मजदूर दिवस🙏-
World labour Day
मेहनत से है दोस्ती उन हाथों में हैं छाले
मुश्किल से मिलते हैं दो जून के निवाले
यहीं है हर शख्स से साहेब की गुजारिश
कोई इन मजदूरों की दास्तारें न उछाले-
सुना है अभी-अभी उसने किसी से,
आज है उसका दिन मजदूर दिवस!
ढो रहा है वो ईंटे जिसके घर,
वो फरमा रहा है आज आराम!
ठहरा वो एक सरकारी मजदूर,
जिसके लिए बनी है छुट्टी आज!
असली मजदूर जो मनाये ये दिन,
कैसे भरेगा फिर परिवार का पेट!
है ये सदा से ही इस दुनिया की रीत,
कमजोरों को अर्पित कर दो एक दिन!
पकड़ा दो उन्हें वादों का झुनझुना,
जिसे बजाते वो बिता दे ये पूरा जीवन!
चाहे हो बात इन बेबस मजदूरों की,
या की जाए बात हम स्त्रियों की!
जिस दिन हो गया इनका उत्थान,
फिर बचेगा कौन सा मुद्दा बोलो जनाब!
जिसके समाधान के नाम पर ये सब,
चुनाव में मिलकर करेंगे घमासान!
है ये सारे दिवस महज चोंचले दुनिया के,
यथार्थ से परे महज एक दिखावा सत्ता के!
-शिखा श्रीवास्तव
-
🙏...मजदूर दिवस...🙏
मैंने ज़माने के लिए कई
ख्वाबों के महल सजाए हैं ,
मगर फिर भी आज खुद मैं
किसी झोपड़ी में सोने को मजबूर हूँ !
सब कहते हैं कि बनाने वाला ही
खुदा और भगवान होता है ,
मगर मैं तो रोटी की तलाश में
दर-दर भटकता सिर्फ एक मजदूर हूँ !!
-
आप जिसे जूठा छोड़ देते
उसकी दो वक्त की रोटी है।
आप की आपातकाल की मजबूरी
उसकी एक दिन की मजदूरी है।-
बिखर चुके इश्क को ढो रहा हूं मैं ,,
मजबूर होते होते मजदूर हो रहा हूं मैं..।।-
जीता हूँ गुमनामी में पर अपने हुनर नाम उकेर लेता हूँ..
ले हाथ छैनी हथौड़ा, मैं पत्थर पर राम उकेर देता हूँ..-