Singhsahb
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❣️अगर
जिंदगी हमारी पूरी पलट चुकी है,
फिर
थोड़ी हलचल तो वहां भी हो..
प्यार का हर्जाना
हम
अकेले क्यों भरे,
थोड़ा
कर्ज़दार तो वो भी हो..❣️-
अभी तो दायरों की बेड़ियाँ मेरे पगों में जकड़ी ही हुई थी
तभी दहलीज के पार कदम रख उनके गुनाहगार बन गए हम
विश्वाश करने की मुझपर अभी तो वो सोच ही रहे थे
कि उससे पहले ही...
उनकी भावनाओं के साथ विश्वाशघात कर खुद की नजरों में ही मक्कार बन गए हम-
"विश्वास "
विश्वास....किसी को बताना नहीं से शुरू होकर मुझे पता है तू किसी को नहीं बताएगा पर खत्म होता है।
"विश्वासघात "
विश्वासघात.... किसी को बताना नहीं से शुरू होकर सबको पता चल गया पर खत्म होता है।
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❣️जो लोग, सच्चे और सीधे इंसान के साथ छल करते है, उनका फायदा उठाकर, उनके साथ विश्वास घात करते है,
वह स्वयं, अपने कर्मों की खाई को और गहरा करने के लिए खुदाई करते है,❣️-
❣️लबों पे आशिकी की बातें, और जेहन में फरेब लिए बैठे है,
सीने में खंजर छुपाकर, हाथों में गुलाब लिए बैठे है❣️-
❣️आंख से अंधे को रास्ता समझाना आसान है
लेकिन अकल से अंधे को समझाना बेकार है❣️-
❣️अपने ज़ख्म बस अपने है, इसलिए खुद ही इन्हे सीना है,,,
न दिखा दुनिया को इन्हे, उन्हें तो बस, नमक से इन्हे भिगोना है....,❣️-
भ्रम ये पाल कर मत रखना की रिश्ते ये खास होते हैं।
क्युकी लगभग रिश्ते आस्तीन के सांप होते हैं।।-