जिंदगी कैद में है
और जिस्म आजाद है
दिखा वे कि चाहत में
हर कोई बर्बाद है-
Nikhil Singh✍
(हर्षवर्धन)
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अब अपने बारे मे क्या बताए साहब
जो आप समझे तो गहरे जज़्बात है हम
जो न समझे तो कोरे अल्फाज है ... read more
जो आप समझे तो गहरे जज़्बात है हम
जो न समझे तो कोरे अल्फाज है ... read more
Joined 11 August 2020
5 AUG 2022 AT 9:52
25 NOV 2020 AT 11:55
माँ, पिता और संतान के
बीच का वह पुल होती है
जिसका एक सिरा वेदना से
बंधा होता है और दूसरा
सिरा संवेदना से
-
19 NOV 2020 AT 11:33
आप कितने नी भी नामी
व्यक्ति क्यों न हो
अस्पताल मे आपको
आपके नाम नही
बल्कि बेड नंबर से
याद रखा जाता है-