हमारे माता-पिता का दूसरा रुप होते हैं शिक्षक।
हमारी राह बताने वाला मोम का स्वरूप होते हैं शिक्षक।।
हमे सच्चाई के मार्ग पर चलाने वाले हैं वो।
हमें यह दुनिया की सही राह दिखलाने वाले हैं वो।।
हमें कुछ बनाने और जिंदगी में आगे बढ़ाने वाले हैं वो।
दुनिया को कुछ कर दिखाना है यह सीखलाने वाले हैं वो।।
हमें हमारी सही राह दिखाने वाला महान होता है।
उन शिक्षकों के कदमों में सारा जहान होता है।।
आप हमेशा खुश और समृद्ध रहे यही मेरी भगवान से मनोकामनाएं।
शिक्षक दिवस की आपको हार्दिक हार्दिक शुभकामनाएं।।
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ए खुदा अब हमे भी अपने पास बुला ले।
सुना है कि वो आज-कल मरने वालों के लिए रोती बहुत है................-
आपकी आंखो में देखा हमने तो पता चला कि आफत क्या है।
आपको बातों को जब सुना हमने तो पता चला कि नज़ाकत क्या है।।
और खुदा से जब हर रोज़ दुआओ में आपको मांगा,
तो पता चला कि मोहब्बत क्या है।।
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❤️मां❤️
मां तेरा क्या कहना, तू ही आभूषण तू ही गहना ।
बच्चों की खुशी के लिए हर दुख को सहना।।
ग़रीबी हो, मजबूरी या खुद पर अाई आफत हो।
मा तू हर कुछ सह कर, अपने बच्चे की राहत हो।।
खुद की परवाह ना कर बच्चे को देती हर खुशियां हो।
खुद को चुभे काटें, या चाहे ज़िन्दगी में कितनी भी मजबूरियां हो।।
मां है तो बच्चों का जीवन सरल और सादा।
मां नहीं तो बच्चों का जीवन जटिल और आधा।।
तू खुशी का गम का हर परिस्थिति का मिला जुला स्वरूप हो।
मां तेरा क्या कहना तू ही भगवान का रूप हो।।
जब बच्चों को जरुरत हो तो उसका साथ हमेशा निभाती है।
जब बात बच्चों की आए तो वो सारी रात भी जाग जाती है।।
कभी तो कभी दोस्त तो कभी हमदर्द बन जाती है।।
ऊही नहीं तू मां कहलाती है।।❤️❤️-
आज इंसानों ने यह साफ कर दिया कि वाकई जो चीजें हमें मुफ्त में मिल जाती है उसके हम कभी कदर नहीं कर सकते चाहे वह कुछ भी हो कोई भी हो। आज ऑक्सीजन की किल्लत के कारण हम इतने परेशान हैं कि बस एक सिलेंडर ऑक्सीजन पाने के लिए कितने भी पैसे खर्च करने को तैयार है पर वहीं जो पेड़ हमें मुफ्त में ऑक्सीजन देता है उनकी हम जरा भी कदर नहीं करते और उसे अपने फायदे के लिए बड़ी बेरुखी से उसका इस्तेमाल करते हैं।
जिन्दगी में जो चीज़ मिले उसकी कदर करना सीख जाइए वरना ये तो ऑक्सीजन है जो पैसों से मिल भी जा रही है। पर जिदंगी में कई चीज़े ऐसी होती है जो पैसों से वापस नहीं मिलती।
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वक़्त आज भी गुज़र रहा पर पहले जैसी बात नहीं।
मिलते है लोग आज भी, पर पहले जैसी मुलाकात नहीं ।।
शाम होती है और तारे आज भी चमकते है पर पहले जैसी रात नहीं।।
पानी की बूंदे तो आज भी गिरती है, पर अब पहले जैसी बरसात नहीं।।-
ये रात भी कितनी दो तरफी है ना,
कहीं खुशी से जाम से जाम लग रहे होंगे।
तो कहीं उदासी के काले बादल आंसू से शाम कर रहे होंगे।।
कहीं कोई अपनी खुशी दुनिया को जता रहा होगा।
पर अंदर ही अंदर वो किस कदर घुट रहा है,
ये दीवारों को बता रहा होगा।।
कहीं कोई हस्ता हुआ अपनी बिस्तर पर लेटा होगा।
तो कहीं कोई खुद को आंसू में लपेटा होगा।।
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होता तो बहुत कुछ है जिदंगी में, अभी कई इम्तिहान बाकी है।
कुछ पाने के लिए कुछ खोना अभी वो मुकाम बाकी है।।
और जिदंगी तो एक पहेली है बस सुलझाते जाओ,
क्युकी अभी इसका असली अंज़ाम बाकी है।।
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आज देखो फिर से वो बरसात अाई है ।
पुरानी यादों को फिर से ताज़ा कराई है।।
वहीं शाम है और वही बारिश कि बूंदे भी।
वहीं दीवार है और वही बातों कि गूंजे भी।।
देखो तो आज भी यहां वहीं चहल पहल नजर अा रहा है।
उन पुरानी बातों को यादों के रूप में फिर से दोहरा रहा है।।
पर क्या मतलब अब इन बातों का।
उन गुजरी हुई शामो और रातों का।।
फिर से उभर कर आई उन जज़्बातों का।
इन खाली जगहों और उन मुलाकातों का।।
आओ फिर से सब मिलकर बारिश का मज़ा उठाए।
पहले की तरह आज भी कुछ पल सब साथ बिताए।।
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हम शिकवा करें भी तो क्या करें, जब गलती हमारी है।
तूने तो हमे फासले में रखा, वो पहली गुस्ताखी जब हमारी है।।
काश तेरे नजदीक आए ही ना होते तो अच्छा होता।
तुझे अपने रूह में बसाए ना होते तो अच्छा होता।।-