मैं तेरी मातृ भाषा हूं मुझको अपना लो
क्यों अंग्रेज़ो के गुलाम बनते हो
अंग्रेजी बोलकर क्या पाओगे
हिंदी बोल कर देखो
कितना अपनापन मिलेगा
विदेश में भी हिन्दी बोलने
वाला कोई अपना भारतीय मिलेगा।
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Ek sapne ke liye hum apne gao Mei vo bachpan chod aaye hai , Vo cricket ka maidan vo khet vo jungle chod aaye hai,
Yaha aake shok se Kha rhe hai pizza burger vo ghr Mei chuhle par dhudh ublta chod aaye hai.
Yaha aake ajnabiyo mei bas kr bhool gaya hai ki gao mei hum apne budhe maa baap ko chod aaye hai Khush ho jate hai chote se kamre ki deewaro ko Dekh Dekh kr bhool gaye ki Yaha se bahut Jada hum vaha chod aaye hai-
मैं उसके साथ दुनिया का हर देश घूमना चाहता था,
जो मुझे स्वदेशी कहकर हमेशा के लिए छोड़कर चली गयी।-
किसान फ़न्दो पर झूल रहे,
सियासत वाले जीत पर झूम रहे,
"अच्छे दिन"
भी बेबफ़ा निकले विदेश के चक्कर मे देश भूल रहे,,-
बहुत देर पुकारा, तुम सुन नहीं पाए,
बहुत दूर देखा, तुम नज़र नहीं आए,
वालिदैन से विदेश तुमको प्यारा था,
इन आँखों को बस तुम्हारा ही इंतज़ार था ।-
तुझे क्यों मोह हुआ विदेशी मिट्टी का
मैंने तो तेरे मोह में दिन रात भी न देखा-
कब तक रुठोगे मुझसे
भईया अब तो लौट आओ।
बांधनी है सुनी कलाई पर राखी
बस एक बार आ जाओ।
नहीं चाहिए पैसे
जैसे गए थे, लौट आओ वैसे।
इस बार राखी बंधवा जाओ
Please एक बार आ जाओ।
बचपन में कितना झगड़ा करते थे
लडने के लिए बहाना भी बाद में ढुंढा करते थे।
इस बार राखी बंधवा जाओ
Please एक बार आ जाओ।
वापस आने का Plan बनाओ
कम से कम त्यौहार का सहारा ले जाओ।
ख्वायिश तो एक ही पूरी करनी है
इस बार तुम्हें राखी बांधनी है।-
Ghum le tu desh videsh chahe apni mitti ki mahek tu bhulna nahi
Jo janm deti hai vo hi maa hoti hai is bat ko tu bhulna nahi-