QUOTES ON #UGTASURAJ

#ugtasuraj quotes

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25 OCT 2019 AT 13:19

मै उगता हुआ सूरज हूँ आज ही नही।
कल फ़िर नई शायरी के साथ उगता हुआ दिखूंगा।।

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8 JUN 2020 AT 8:11

बदलेगा दुनियां सोच भी बदलेगी।
भला सूरज की किरणों को,
ये बादलों की परछाई,
कितने दिनों तक रोकेगी।

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12 NOV 2019 AT 8:47

होती शाम मुझे ढलना सिखाती है
वरना उगता सूरज मुझे भी है दिखता
तुम्हारी तरह हम हमारी तरह तुम बन के देखो
एक बार इस्तेमाल करना भुल
किसी को दिल से प्यार कर के देखो
हर कोई अपना नही ये देखा है मैंने
सबको गुलाब समझ पत्थर समेटे है मैंने
हर मर्तवा गलतियों कर सीखा है
दोस्त बनवा खुद को लुटवाया है मैंने
कहते है होती है मजबूरियां उनकी
यही सुन सुन के तो हर बार माफ किया है मैंने
होती शाम मुझे ढलना सिखाती है
वरना उगता सूरज मुझे भी है दिखता
दोस्ती में सब है चलता
एक का कत्ल कर दूसरा मुझे गुरूर से है बताता
उसकी दोस्ती को सरे आम बदनाम कर
खुद को खुश है वो पाता
ऐसी दोस्ती मैने तो नही सीखी
मुझे तो सिर्फ दिल से है निभाना आता
वरना उगता सूरज मुझे भी है दिखता
नही करनी तो मत करो
पर दोस्ती का नाम यूँ बदनाम मत करो
महफ़िलो में सिर्फ आशिक़ ही अच्छे लगते है
वरना दोस्ती को ठुकराता कौन है
यूँ एक दूसरे का इस्तेमाल कर
ऐसी दोस्ती निभाता कौन है
होती शाम मुझे ढलना सिखाती है
वरना उगता सूरज मुझे भी है दिखता

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6 NOV 2019 AT 11:24

मैं चलता जा रहा हूं,
सूरज के जैसे उगता,
कभी ढलता जा रहा हूं.

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4 AUG 2020 AT 8:31

किरणे उगते सूरज की देखो !
कहती है मुझसे तुम कुछ सीखो !!
भूल अंधेरा फिर मैं आया !
संग अपने हूँ उजियारा लाया !!

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29 NOV 2020 AT 9:30

सही दिशा और सही समय का ज्ञान ना हो तो,
उगता हुआ सूरज भी डूबता हुआ दिखता है ।

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24 OCT 2019 AT 7:18

उगते हुए सूरत से मिलते है हम निगाहेँ,
बीते हुए कल का मातम नहीं मनाते..

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11 JUL 2018 AT 21:41

खुल गयी हमारी आँखें..
गहरी नींद से मुस्कुराते😊 हुए..

तुम ही वो ख्वाब हो ..
जिसे हम देखना चाहते है बार बार..

हमारे ख़्वाबों से निकल कर..
तुम हमें मिल जाओ तो क्या बात हो।।

पहले प्यार का ये पहला एहसास ..
हकीक़त बन जाये तो क्या बात हो।।

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26 OCT 2019 AT 23:53

Chaand bhi koi shaaz o nadir nahi
Roz aata hai ek nayi shaam ke sath...

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10 APR 2021 AT 0:10

अपनी खुशी का इज़हार करना भूल गया था,
हां मैं प्यार करना भूल गया था,
बिलख जाता था छोटी छोटी बातों पर,
हां मैं टकरार करना भूल गया था,

एक उगते सूरज की तरह आए हो तुम,
चांद की शीतल चांदनी लाए हो तुम,
अब मुस्कुरा देता हूं खुद के खयालों पर भी,
मेरे सुर्ख होटों पर हंसी बनकर आए हो तुम,

अपनी खुशी का इज़हार करना भूल गया था,
एक उगते सूरज की तरह आए हो तुम।।

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